दिल्ली की अदालत ने जेल अधिकारियों को दिया निर्देश

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को राज्य की पुरानी आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की न्यायिक हिरासत 10 नवंबर तक बढ़ा दी। मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने पहले दी गई 14 दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष सिंह को पेश किया। न्यायाधीश नागपाल ने अपने पारिवारिक खर्चे और संसद सदस्य के रूप में जरूरी कुछ और काम करने के लिए सिंह को कुछ चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी। उन्होंने इसके लिए अनुरोध किया था।

संबंधित जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सिंह का उचित इलाज सुनिश्चित करें, जिसमें उनका निजी डॉक्टर भी शामिल हो। न्यायाधीश ने कहा, “अदालत को अभियुक्त को निजी उपचार देने से इनकार करने का कोई कारण नहीं दिखता। इसलिए, संबंधित जेल अधीक्षक को उचित उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है।” न्यायाधीश नागपाल ने आप नेता की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी। सिंह ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन अदालत ने उन्हें कोई राहत नहीं दी। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने उनकी याचिका को समय से पहले बताते हुए खारिज कर दिया।
सिंह ने 13 अक्टूबर को न्यायाधीश नागपाल से कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक ‘मनोरंजन विभाग’ बन गया है। न्यायाधीश ने उन्हें निर्देश दिया था कि वह असंबद्ध मामलों पर चर्चा न करें या अदालत के अंदर भाषण न दें, अन्यथा वह अब से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी पेशी के लिए कहेंगे। सिंह ने ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती देते हुए कहा था कि वित्तीय जांच एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया था। अदालत ने पहले भी सिंह को पेशी के दौरान मीडिया से बात नहीं करने का निर्देश दिया था और कहा था कि इससे सुरक्षा संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। जज ने पत्रकारों को यह भी निर्देश दिया कि वे उनसे सवाल न पूछें। वित्तीय जांच एजेंसी ने 4 अक्टूबर को नॉर्थ एवेन्यू इलाके में उनके आवास पर तलाशी लेने के बाद सिंह को गिरफ्तार कर लिया। सिंह को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था।