बिजली आन्दोलन के मुद्दे हमारे व्यक्तिगत नहीं लेकिन आम उपभोक्ताओं को हम अपना मानते हैं: विजय मिश्रा

रीवा। चुनावी अधिसूचना जारी है। चुनावों के बीच रीवा में चल रहा बिजली आन्दोलन जो 07 दिसंबर 2022 को अधिवक्ता विजय मिश्रा द्वारा शुरू किया गया था निरन्तर जारी है। आम जनता विशेषकर अधिवक्ताओं का सहयोग लगातार बिजली आन्दोलन को दिया जा रहा है। विदित हो कि अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा कई वर्षों से समाज की ज्वलंत समस्याओं को लेकर रीवा ही नहीं अपितु म०प्र० के अलग-अलग जिलों में आन्दोलन करते रहते हैं। रीवा से मुंबई तथा रीवा से भोपाल मुख्यमंत्री निवास तक पदयात्रा करने वाले विजय मिश्रा इस बार विधुत उपभोक्ताओं की समस्या लेकर 324 दिनों से कमिश्नर कार्यालय रीवा के सामने बैठे हैं। विजय मिश्रा ने 24 उपभोक्ताओं के बिल विधुत विभाग, पुलिस विभाग, कलेक्टर एवं कमिश्नर को देकर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या ये बिल सही जारी किए गए हैं। जिसका जवाब न दिए जाने पर अनशन जारी है। विजय मिश्रा के अनुसार उपभोक्ता को भार के आधार पर चोरी के प्रकरण में जेल भेज दिया जाता है । जब वही गलती विधुत विभाग करता है तो बिलों में सुधार भी नहीं किया जाता। विधुत कर्मचारियों के जो क्रत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं उनमें भी एफआईआर दर्ज नहीं की जाती। यह कैसा प्रशासन है। विजय मिश्रा ने कहा कि भले ही यह लड़ाई हमारे घर की व्यक्तिगत नहीं है, लेकिन जिन उपभोक्ताओं के साथ हो रहा है वे भी हमारे ही हैं। शुक्रवार को धरने के 324 वें दिन समाजसेवी विष्णुकांत विश्वकर्मा,सत्याग्रही डा.तोषण सिंह वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट, एड.कुलदीप सिंह,राजेश कुमार चतुर्वेदी,अमित विश्वकर्मा,सुरेंद्र विश्वकर्मा,एड.कुलदीप सिंह,एड.दीपक तिवारी,प्रथम अमिलीय,मालिक अमिलीय,प्रकाश श्रीवास्तव,शिवशरण द्विवेदी, एड.भारतद्वाज पटेल,अमर दीप सोनी,उमेश यादव,राजेंद्र पाल,रामावतार सिंह,राजेश बंसल, बी.के.त्रिपाठी,वीरेंद्र पयासी,एड.देवेंद्र कुमार तिवारी,एड.विनय मिश्रा, एड.राजेंद्र कुमार,हारुन अंसारी, पी.वासुदेवन आदि सहयोगी कमिश्नर कार्यालय रीवा के सामने धरना स्थल में उपस्थित हुए।
