संजीवनी केस की चार्जशीट फाइल करने पर रोक

जयपुर। संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी केस में राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को फटकार लगाते हुए चार्जशीट फाइल करने पर रोक लगा दी है. जहां इस केस में जोधपुर सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बड़ी राहत मिली है, वहीं राजस्थान सरकार को तगड़ा झटका लगा है.

शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शेखावत की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता वि.आर.बाजवा ने पैरवी करते हुए कहा कि एसओजी ने अगस्त 2019 में यह केस दर्ज किया था. एसओजी ने साढ़े चार साल बाद भी जांच को पूरा नहीं किया है, क्योंकि राजनीतिक द्वेष के चलते राज्य सरकार शेखावत को गलत तरीके से फंसाना चाहती है.
एसओजी ने कभी गजेंद्र सिंह शेखावत को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया. न ही पूर्व में दायर चार्जशीटों में कहीं शेखावत का नाम अभियुक्तों में शामिल किया गया. बाजवा ने बताया कि हाईकोर्ट ने पूछा कि अगर शेखावत की संजीवनी केस में संलिप्तता थी तो एसओजी ने चार साल में कोई नोटिस क्यों नहीं दिया? कोर्ट ने यह भी पूछा कि फरवरी 2020 में चार्जशीट फाइल करने के तीन साल बाद फरवरी 2023 में दूसरे लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की, जबकि उसमें शेखावत या उनके परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं था.
बाजवा ने कोर्ट में कहा कि राजनीतिक बदले के लिए सरकार विधानसभा चुनावों के बीच शेखावत को फंसाने का प्रयास कर रही है, जबकि इसी साल अप्रैल में राजस्थान सरकार के वकील हाईकोर्ट में यह भी कह चुके हैं कि शेखावत का किसी एफआईआर और चार्जशीट में नाम नहीं है.