प्रकाश उत्सव पर गूंजे शबद कीर्तन, अटूट चला गुरु का लंगर

झारखण्ड | सब सिखन को हुक्म है गुरु मानियो ग्रंथ. गुरु ग्रंथ जी मानियो प्रगट गुरां की देह. श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश उत्सव बड़ी श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. गुरुद्वारा नानक दरबार चाईबासा में मनाया गया. को आरंभ किए गए श्री अखंड पाठ की सम्पूर्णता हुई.
गुरुद्वारा के ग्रंथी बलदेव सिंह एवं जमशेदपुर से आये ग्रंथी अमरीक सिंह, हरजीत सिंह तथा दो महिला ग्रंथी हरजिंदर कौर एवं दर्शन कौर ने श्री अखंड पाठ की सेवा की. श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष गुरमुख सिंह खोखर ने कहा कि सिखों के दस गुरुओं के बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को ही गुरु का स्थान दिया गया.
सत्संग ने कीर्तन एवं छोटे-छोटे बच्चों द्वारा कविता पाठ किया गया. अनमोल सलूजा ने शब्द कीर्तन से सभी का मन मोह लिया. कार्यक्रम में सचिव जसपाल सिंह, कोषाध्यक्ष लखबीर सिंह, सह कोषाध्यक्ष दलविंदर सिंह, बलजीत सिंह खोखर, दलबीर सिंह, रौनक सिंह खोखर, दीपक सिंह अरि, इन्दरजीत सिंह रंधावा, तेजपाल सिंह, सुखबीर सिंह खोखर, कमलजीत सिंह, हरप्रीत सिंह का सराहनीय सहयोग रहा. उधर, सिख समुदाय की ओर से चक्रधरपुर में गुरु ग्रंथ साहिब का प्रथम प्रकाश पर्व मनाया गया. इस अवसर चक्रधरपुर के गुरुद्वारा में दिनभर भजन कीर्तन चला. इस दौरान गुरुद्वारा में 48 घंटे से चल रहे अखंड पाठ का समापन किया गया. मौके पर जमशेदपुर से आए जसपाल छाबड़ा ग्रुप ने कीर्तन पेश किया. सुबह से कीर्तन प्रारंभ होकर दिन के एक बजे तक चला. इस मौके पर गुरुद्वारा के ज्ञानी सरबजीत सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब के प्रथम प्रकाश पर्व दिवस के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 1604 में आज ही के दिन गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश श्री हरमंदिर साहिब में हुआ. गुरु ग्रंथ साहिब का प्रथम प्रकाश पर्व के अवसर पर दोपहर में भजन कीर्तन के बाद लंगर का आयोजन किया गया. लंगर का आयोजन प्रीत पाल कौर मक्कड़ परिवार की ओर से किया गया. इस मौके पर अजीत सिंह, रमेश छाबड़ा, राजीव छाबड़ा, राजेश अजमानी, कुलदीप सिंह, रिक्की छाबड़ा, गुरदीप सिंह, मनजीत कौर, सोनू कौर, सविता चुग, कमला छाबड़ा समेत कई थे.
