प्रवासी पक्षियों से गुलजार हुई पौंग झील

जवाली। पौंग झील में प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमाना शुरू कर दिया है। झील में अब तक अलग-अलग प्रजातियों के करीब 34 हजार प्रवासी पक्षी अपना डेरा जमा चुके हैं। झील में पक्षियों के आने साथ ही शिकारी भी सक्रिय हो जाते हैं। पक्षियों के अवैध शिकार को रोकने के लिए वन्य प्राणी विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। विभाग ने पक्षियों की सुरक्षा के मद्देनजर पौंग झील को 15 बीटों में विभाजित करके बर्ड वॉचर्स की 15 टीमों का गठन कर लिया है, जो दूरबीन के जरिए दिन-रात पक्षियों की सुरक्षा में चौकस रहेंगे। इसके अलावा ड्रोन से भी पक्षियों पर विभाग की नजर रहेगी। बता दें कि प्रवासी पक्षियों की आमद के साथ ही अवैध शिकार करने वाले शिकारी भी शिकार में सक्रिय हो जाते हैं और बार हेडेड गूज प्रजाति के प्रवासी पक्षी को अपना शिकार बनाते हैं। ड्रोन की सहायता से प्रवासी पक्षियों के अवैध शिकार पर रोक लगाने में वन्य प्राणी विभाग कुछ हद तक कामयाब भी हुआ है और पिछले चार-पांच सालों से अवैध शिकार का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की आमद से झील गुलजार हो गई है, प्रवासी पक्षियों की चहचहाट व तैराकी की अठखेलियों को देखने के लिए पर्यटक भी पहुंचने शुरू हो गए हैं।

पर्यटक विदेशी परिंदों के साथ खूब मौज-मस्ती कर रहे हैं। छुट्टी वाले दिन पौंग झील में पर्यटकों की खूब आमद होती है। पौंग झील में अभी तक करीब 35 हजार प्रवासी पक्षी पहुंच चुके हैं, जबकि पक्षियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। साइबेरिया, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अफ्रीका व अमेरिका सहित अन्य बाहरी देशों में ठंड अत्यधिक बढ़ जाने से प्रवासी पक्षी पौंग झील में पहुंचते हैं जिनके आने से झील गुलजार हो जाती है। प्रवासी पक्षी कहां से आते हैं, इसकी परख करने के लिए जनवरी महीने में वार्षिक गणना पर प्रवासी पक्षियों के पंजों में रिंग भी डाले जाते हैं। इससे इन पक्षियों के गंतव्य स्थान का भी पता लगाया जाता है। यह प्रवासी पक्षी सर्दियों का मौसम शुरू होते ही नवंबर माह में झील में पहुंचते हैं तथा अप्रैल माह तक झील में डेरा जमाए रखते हैं। बाहरी देशों में ज्यादा ठंड होने के कारण जब नदियों, झीलों का पानी बर्फ में तबदील हो जाता है तो प्रवासी पक्षी पौंग झील में पहुंचते हैं तथा अप्रैल माह के बाद दोबारा अपने वतन लौटने शुरू हो जाते हैं। वहीं, इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनॉड़ रॉयस्टोन ने बताया कि प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए दूरवीन से लैस बर्ड वॉचर तैनात कर दिए गए हैं। पौंग झील में बर्ड वॉचरों की 15 टीमें पक्षियों पर नजर रखेंगी। प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए ड्रोन से भी विभाग पौंग झील पर नजर रखेगा।