विपरीत परिस�?थितियों के बावजूद भारतीय अर�?थव�?यवस�?था 2023 में और विकास के लि�? तैयार

NEW DELHI: भारतीय अर�?थव�?यवस�?था 2022 के दौरान कोविड-प�?रेरित मंदी से उबर गई और आने वाली तिमाहियों में और स�?धार के लि�? तैयार है, हालांकि भू-राजनीतिक तनावों से निकलने वाले जोखिम, डॉलर के मजबूत होने और उच�?च म�?द�?रास�?फीति जारी रहेगी।
विकास की प�?रवृत�?ति में सकारात�?मक प�?रक�?षेपवक�?र और बेहतर ब�?नियादी सिद�?धांतों से राष�?ट�?र को वैश�?विक विपरीत परिस�?थितियों के प�?रभाव को बेअसर करने में मदद मिलेगी, जिसका आने वाले महीनों में देश के निर�?यात पर असर पड़ने की उम�?मीद है।
न�? साल में सरकार और रिजर�?व बैंक के सामने महंगाई को काबू में रखने, अमेरिकी डॉलर के म�?काबले र�?पये के गिरते मूल�?य को रोकने और निजी निवेश और विकास को बढ़ावा देने की च�?नौती होगी, ताकि यह स�?निश�?चित किया जा सके कि देश द�?निया की सबसे तेजी से बढ़ती प�?रम�?ख अर�?थव�?यवस�?थाओं में से �?क बना रहे। 
भारत ने 2022-23 (अप�?रैल-सितंबर) की पहली छमाही में 9.7 प�?रतिशत की वृद�?धि दर�?ज की, जबकि इंडोनेशिया में यह 5.6 प�?रतिशत, ब�?रिटेन में 3.4 प�?रतिशत, मैक�?सिको में 3.3 प�?रतिशत, यूरो क�?षेत�?र में 3.2 प�?रतिशत थी। , फ�?रांस में 2.5 प�?रतिशत, चीन में 2.2 प�?रतिशत, संय�?क�?त राज�?य अमेरिका में 1.8 प�?रतिशत और जापान में 1.7 प�?रतिशत है।
”भारत के दृष�?टिकोण से, विदेशों में उत�?पन�?न होने वाली विपरीत परिस�?थितियों के संदर�?भ में, सबसे खराब शायद हमारे पीछे है … क�?ल मिलाकर, मैं अभी भी उम�?मीद करता हूं कि हम चालू वित�?त वर�?ष को 7 प�?रतिशत से अधिक की विकास दर के साथ समाप�?त करेंगे।
नीति आयोग के पूर�?व उपाध�?यक�?ष और जाने-माने अर�?थशास�?त�?री अरविंद पनगढ़िया ने कहा, ”अगले साल, 7 फीसदी की विकास दर जारी रहनी चाहि�?, यह मानते ह�?�? कि आगामी बजट में कोई नकारात�?मक आश�?चर�?य नहीं है।”
अर�?थव�?यवस�?था के सामने सबसे बड़ी समस�?या लगातार उच�?च म�?द�?रास�?फीति थी जो वर�?ष के अधिकांश समय के लि�? रिजर�?व बैंक के आराम स�?तर से ऊपर रही। वास�?तव में, आरबीआई को केंद�?र सरकार को �?क रिपोर�?ट दाखिल करनी थी कि वह म�?द�?रास�?फीति की जांच करने में विफल क�?यों रही।
अमेरिकी डॉलर के म�?काबले र�?प�? का अवमूल�?यन भी नीति निर�?माताओं के लि�? �?क च�?नौती बना रहा, जिससे आयात महंगा हो गया और बदले में देश के चालू खाते के घाटे पर असर पड़ा। विश�?लेषकों के म�?ताबिक आने वाले महीनों में र�?पये पर दबाव बना रहेगा।
निर�?यात को भी वैश�?विक विपरीत परिस�?थितियों का सामना करना पड़ा और प�?रम�?ख पश�?चिमी बाजारों में मंदी और रूस-यूक�?रेन य�?द�?ध के कारण भू-राजनीतिक संकट के कारण 2023 में भी चीजें अच�?छी नहीं हो सकती हैं।
2022 के बाद के महीनों में वैश�?विक आर�?थिक उथल-प�?थल के बीच प�?रौद�?योगिकी क�?षेत�?र में बह�?त सारी नौकरियों में कटौती देखी गई, हालांकि अवसरों का �?क मिश�?रित बैग न�? साल में नौकरी के इच�?छ�?क लोगों को बधाई देने की संभावना है क�?योंकि दूरसंचार और सेवा-उन�?म�?ख क�?षेत�?रों में भर�?ती में तेजी आने की उम�?मीद है।
�?ंड�?रयू व�?ड, निदेशक, सॉवरेन �?ंड इंटरनेशनल पब�?लिक फाइनेंस रेटिंग�?स, �?स �?ंड पी ग�?लोबल रेटिंग�?स ने कहा कि भारत तेजी से नाममात�?र जीडीपी विकास और उछाल वाले राजस�?व की अवधि से लाभान�?वित हो रहा है।
”ये गतिशीलता प�?रम�?ख ऋण मेट�?रिक�?स को स�?थिर करने में मदद कर रही हैं, जिसमें ऋण से जीडीपी अन�?पात, और सरकार के ब�?याज का बो�? शामिल है, हालांकि अभी भी उच�?च स�?तर पर है। जबकि यह टेलविंड FY24 में फीका पड़ जा�?गा, हम अभी भी उम�?मीद करते हैं कि भारत अगले साल ठोस विकास हासिल करेगा,” व�?ड ने कहा।
भारत अपेक�?षित वैश�?विक मंदी के साथ-साथ उच�?च ब�?याज दरों और म�?द�?रास�?फीति से ज�?ड़े क�?छ जोखिमों को भी वहन करता है, विशेष रूप से सख�?त मौद�?रिक नीति प�?रणाली के माध�?यम से अपना काम करना जारी रखती है, उन�?होंने कहा।
अमेरिकी फेडरल रिजर�?व द�?वारा ब�?याज दर में बार-बार बढ़ोतरी से म�?द�?रास�?फीति के साथ-साथ र�?पये के मूल�?यह�?रास को रोकने के लि�? रिज़र�?व बैंक ने ब�?याज दर में बढ़ोतरी की, इस प�?रकार ऋण को महंगा बना दिया।
हाला�?कि, महामारी के बाद की मांग में वृद�?धि ने भारत के संपत�?ति बाजार में मदद की, जो देश के सबसे बड़े नियोक�?ताओं में से �?क है, इस साल बढ़ती ब�?याज दरों के जोखिमों से उबरने में मदद मिली, लेकिन 2023 में ड�?रीम रन को वैश�?विक हेडविंड�?स से बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार भी राजस�?व संग�?रह में बैक उछाल पर सकल घरेलू उत�?पाद के 6.4 प�?रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक�?ष�?य को पूरा करने के लि�? आशान�?वित है। रिजर�?व बैंक के पूर�?व गवर�?नर रघ�?राम राजन ने कहा है कि अगला साल भारतीय अर�?थव�?यवस�?था के लि�? और द�?निया के बाकी हिस�?सों के लि�? भी म�?श�?किल होगा और देश विकास के लि�? जरूरी ‘स�?धार’ करने में विफल रहा है।
उन�?होंने कहा कि निम�?न मध�?यम वर�?ग को ध�?यान में रखते ह�?�? नीतियां बनाई जानी चाहि�?, जो कोरोनोवायरस महामारी के कारण सबसे अधिक पीड़ित हैं। राजन ने छोटे और मध�?यम स�?तर के उद�?योगों के लि�? अन�?कूल वातावरण बनाने और टिकाऊ ऊर�?जा के क�?षेत�?र में हरित क�?रांति को बढ़ावा देने की भी वकालत की।

{जनता से रिश�?ता इस खबर की प�?ष�?टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध�?यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी जिसके चलते इस खबर को प�?रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश�?ता खबर की सच�?चाई को लेकर कोई आधिकारिक प�?ष�?टि नहीं करता है।}


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