कलश के पास जौ बोने के सही नियम और विधि जानें

हिंदू धर्म में नवरात्रि तिथि का विशेष महत्व है। साल में वैसे तो 4 नवरात्रि तिथियां होती हैं, लेकिन इनमें से दो बार नवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती है। नवरात्रि में काफी लंबे समय से कलश स्थापना और जौ बोने का विधान चला आ रहा है और ऐसी मान्यता है कि इस पर्व के दौरान जो लोग घर पर नियम पूर्वक कलश स्थापना करते हैं, उनके घर में सदैव सुख समृद्धि बनी रहती है।

कई बार कलश में उगाए जाने वाले जौ हरे न होकर पीले पड़ने लगते हैं, जो इस बात का संकेत हो सकते हैं कि आपने सही विधि और नियम का पालन किए बिना कलश के पास जौ उगाए हैं और ये आपके भविष्य के लिए भी शुभ संकेत नहीं होते हैं।
खासतौर पर शारदीय नवरात्रि के दौरान जौ उगाना बहुत ही शुभ माना जाता है, लेकिन यदि आप घर में कलश स्थापना कर रही हैं और जौ उगा रही हैं तो ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें इसके सही नियमों को जरूर जान लें, जिससे सुख समृद्धि बनी रहे।
जौ क्यों उगाए जाते हैं
नवरात्रि में घर या मंदिर और पूजा पंडाल के पास जौ उगाने की प्रथा है। इसे पूजा स्थल पर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के पास मिट्टी के प्याले में बोया जाता है और 9 दिनों में ये हरे भरे होकर घर की समृद्धि का संकेत देते हैं।
मान्यतानुसार नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ जौ इसलिए बोए जाते हैं क्योंकि हिन्दू धर्म ग्रंथों में सृष्टि की शुरूआत के बाद पहली फसल जौ ही मानी जाती है। जब भी देवी देवताओं का पूजन होता है तब जौ को बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है।
नवरात्रि में जौ उगाने की विधि
शारदीय नवरात्रि के दौरान घर में जौ उगाने के लिए मिट्टी का एक साफ़ प्याला लें और इसे पानी से धो लें।
इस प्याले में कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और इसमें मिट्टी और गोबर की सूखी खाद डालें।
इसमें पानी का छिड़काव करें और मिट्टी को थोड़ा सा गीला होने दें।
एक मुट्ठी में जौ के उतने दाने लें जो आपके प्याले की क्षमता के अनुरूप हों।
जौ के दाने मिट्टी में डालें और हल्के हाथों से फैलाएं।
जौ उगाने के नियम
यदि आप नवरात्रि के दौरान घर में जौ उगा रही हैं, तो ध्यान में रखें कि प्याला मिट्टी का ही बना होना चाहिए। मिट्टी को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है।
जो भी ज्वारे उगाए उसे स्नान आदि से मुक्त होकर साफ़ वस्त्र धारण करने चाहिए तभी ज्वारे उगाने चाहिए।
महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान ज्वारे नहीं उगाने चाहिए, क्योंकि उस समय शरीर को अपवित्र माना जाता है।
जिस स्थान की मिट्टी का इस्तेमाल करें वो साफ़ होनी चाहिए।
नवरात्रि में उगने वाले ज्वारे देते हैं ये संकेत
मान्यता के अनुसार यदि बोए गए ज्वारे नवरात्रि के शुरुआत के दिनों में ही अंकुरित होने लगें तो ये शुभ संकेत हो सकते हैं।
यदि आपका बोया हुआ जौ सफेद या हरे रंग में उग रहा है तो यह भविष्य में समृद्धि के संकेत हैं।
यदि 9 दिनों के बाद भी ज्वारे न निकलें तो ये आने वाली किसी समस्या के संकेत हो सकते हैं। (जवारे बोते वक्त न करें ये गलतियां)
नवरात्रि के बाद उगे हुए ज्वारे का क्या करें
जब नवरात्रि का पूजन समाप्त हो जाए तब ज्वारों को प्याले से बाहर निकालें और इसमें से कुछ ज्वारों को लेकर घर के पूजा स्थल पर रखें।
कुछ ज्वारों को पैसों के स्थान पर रखें जैसे घर की तिजोरी में रखें।
बचे हुए ज्वारों में से एक या दो घर के सभी लोग अपने पर्स में रखें।
इसके बाद जो ज्वारे हैं उन्हें किसी नदी में प्रवाहित कर दें।