
शिमला। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि केंद्र सरकार हिमाचल के विकास में अड़ंगा फंसा रही है। प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए राज्य सरकार ने वाटर सेस योजना को लांच किया था, लेकिन केंद्र सरकार इस योजना के विरोध भी उद्योग निदेशक के साथ कार्यक्रम में मौजूद रहे। प्रदेश का मूल्याकंन सात सुधार क्षेत्रों और 27 कार्य बिंदुओं पर किया गया, जिनका राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान है। राज्य को क्षमता निर्माण में अग्रणी, फंडिग लीडर, सस्टेनेबिलिटी प्रोमोटर, इनक्यूबेशन हब, मेंटरशिप चैंपियन, इनोवेटिव लीडर और संस्थागत चैंपियन के रूप में मान्यता दी गई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग और स्टार्टअप टीम की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल देश, बल्कि दुनिया भर में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में अग्रणी बनने के लिए प्रयासरत है।

प्रदेश में औद्योगिकीकरण की गति बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत सभी हितधारकों के लिए इंटरेक्टिव पोर्टल का निर्माण, उच्च शिक्षा संस्थानों में जागरूकता और पहुंच के लिए प्रभावी तंत्र बनाने तथा स्टार्टअप को प्रदर्शन एवं विपणन के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल शामिल हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मुख्य विभाग अब भी मंत्रियों के पास ही हैं। इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। जो अतिरिक्त विभाग मंत्रियों के पास थे, उनमें बदलाव किया गया है। भविष्य में मंत्रिमंडल में और अधिक विस्तार किया जाएगा। निगम और बोर्ड में भी खाली पदों पर जल्द ही ताजपोशी होगी। उन्होंने कहा कि इस बैठक को बुलाकर प्रदेशाध्यक्ष ने अच्छा कदम उठाया है। सरकार और संगठन में तालमेल बेहतर है। कांग्रेस लोकसभा चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन करेगी।