100 यूनिट तक नहीं देना होगा बिजली बिल, डिस्कॉम को एक ही दिन में मिले 45 आवेदन

टोंक। टोंक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राज्य के बजट में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा से जिले के 90 हजार से एक लाख उपभोक्ताओं को लाभ होगा. ये ऐसे उपभोक्ता होंगे जिन्हें अब तक 100 यूनिट से कम प्राप्त हुए हैं। उन्हें बिजली का बिल नहीं देना होगा। वहीं दूसरी ओर 100 यूनिट तक फ्री करने की घोषणा के बाद नए कनेक्शन लेने व कटे कनेक्शन जोड़ने वालों ने डिस्कॉम कार्यालयों का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है. हालांकि बजट घोषणा के बाद दो दिन कार्यालयों में अवकाश रहा। इसके बावजूद जिले में पहले ही दिन सोमवार को 45 नए आवेदनों की फाइल पहुंच गई। टोंक ग्रामीण कार्यालय में लगे कर्मियों के अनुसार सोमवार को पांच आवेदन प्राप्त हुए. जबकि औसतन तीन आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा जिले के अन्य 11 एईएन कार्यालयों में भी कनेक्शन को लेकर पत्राचार किया गया। इतना ही नहीं अधिकांश उपभोक्ता ऐसे मिले जो अभी फाइलें ही तैयार कर रहे हैं। जयपुर डिस्कॉम के इंजीनियरों का कहना है कि अभी तक घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को हर महीने 50 यूनिट बिजली मुफ्त मिल रही थी. इससे लोगों के बिल कम आ रहे हैं। अब राज्य सरकार द्वारा हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त कर दी गई है। यानी प्रति माह बिजली की खपत 100 यूनिट तक होने पर उपभोक्ताओं को अब बिल का भुगतान नहीं करना होगा।
किसानों को अब हर महीने दो हजार यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। जिले में प्रखंड के 25 हजार 452 कृषि कनेक्शन हैं. इन किसानों का बिजली खर्च प्रति माह 2000 यूनिट से भी कम है। यानी जिले के सभी किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलेगी। मुख्यमंत्री की घोषणा से किसानों को राहत मिली है कि अगर वे अपने कुएं या ट्यूबवेल से सिंचाई करते हैं तो उन्हें बिजली बिल भरने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. बिजली बिल में 100 यूनिट की छूट मिलने का असर उपभोक्ताओं को दिखने लगा है। कटे बिजली कनेक्शन भी जुड़ने लगे हैं। शिवपुरी गांव से आए बाबूलाल व प्रेमलाल ने बताया कि अभी भी घरेलू कनेक्शन है, लेकिन बिल तीन हजार तक आता है. ऐसे में वह भाई के नाम से नया कनेक्शन लेने पहुंचे हैं। इसी तरह मेंहदवास से आए ग्रामीण भी नए कनेक्शन की फाइल कोर्ट में बनवाने में जुटे नजर आए। जिले में वर्तमान में 2 लाख 62 हजार 69 घरेलू उपभोक्ता हैं। इनमें से करीब 90 से एक लाख उपभोक्ताओं का मासिक बिजली खर्च 100 यूनिट से भी कम है। यानी उन्हें पूरी बिजली मुफ्त मिलेगी। बिजली कर्मचारियों का कहना है कि महंगी बिजली मिलने से कई लोग बिजली चोरी करते हैं। गांवों और झुग्गी-झोपड़ियों में बिजली की लाइनों पर डेटा डालकर बिजली चोरी करना आम बात है। बिजली चोरी करने वाले कई लोगों की खपत भी कम रहती है। अब ऐसे लोग बिजली चोरी करने से बचेंगे।
