ड्रग्स तस्करो को लेकर मामले में आपस में भिड़े दो इन्स्पेक्टर, कह डाले ऐसे अपशब्द

उत्तरप्रदेश | ड्रग्स का धंधा करने वालों की गिरफ्तारी को लेकर शहर के दो इंस्पेक्टरों में इस कदर तनातनी हो गई कि एक ने दूसरे को नाप देने की धमकी दे दी. कहा- इंस्पेक्टर साहब.. तहरीर मेरे पास आ चुकी है. अपहरण में नाप दूंगा तो कोई बचा नहीं पाएगा. एक इंस्पेक्टर की दूसरे को गंभीर धमकी ने न केवल अनुशासन तार-तार किया बल्कि ड्रग्स के धंधेबाजों की तरफदारी का खुलासा भी कर दिया. डीसीपी सेन्ट्रल ने एडीसीपी को मामले की जांच सौंप रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट पर पुलिस कमिश्नर कार्रवाई करेंगे.
ऐसे हुआ सांठगांठ का खुलासा सूत्रों के मुताबिक एक थाने के इंस्पेक्टर को उनके क्षेत्र में गांजा बेचने वालों की सक्रियता की सूचना मिली थी. इसकी सूचना अफसरों को देकर उन्होंने सुरागरसी कराई.
ऐसे लोगों के बारे में पुख्ता सूचना मिलने पर उनकी घेराबंदी की. उधर गांजा बेचने वाले उनके क्षेत्र से निकल कर दूसरे इंस्पेक्टर के इलाके में पहुंच गए. पीछे लगे इंस्पेक्टर ने उन्हें वहीं घेर कर पकड़ लिया.

इनमें गुजैनी निवासी सौरभ और डबल पुलिया काकादेव निवासी विनोद थे, जिनके पास 200 पुड़िया गांजा भी मिल गया. लगभग एक किलो. उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की गई. उनके मोबाइल चेक हुए तो कई राज खुल गए.
इस पर इंस्पेक्टर ने अफसरों को पूरा मामला बता दिया. आरोपितों ने कबूल दिया कि वह एक थाने में पैसा देते हैं. उनके मोबाइल चेक किए गए, जिसमें शहर के एक इंस्पेक्टर के कारखासों के नम्बर और उनसे बातचीत की पुष्टि हो गई.
कॉलेजों के आसपास बिक रहे ड्रग्स शहर में ड्रग्स पैडलरों का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है. सूत्रों के मुताबिक चरस, अफीम, नशीली टेबलेट और गांजा के अड्डे हर कॉलेज के आसपास बन गए हैं. संगठित ढंग से इनकी सप्लाई की जा रही है. अकेले कानपुर में हर साल लगभग 15 करोड़ रुपए के गांजे की सप्लाई होती है.