अस्थमा के लिए लाभदायक है जौ

जौ का इस्तेमाल करने से अनेको फायदे मिलते हैं जो शरीर को स्वस्थ और रोगों से लड़ने में मदद करते हैं. तो आइये विस्तार से जौ के फायदे के बारे में जानते हैं.
1 जौ के फायदे रखें हृदय को स्वस्थ
ह्रदय शरीर का एक मत्वपूर्ण अंग होता हैं जिसको स्वस्थ रखने में हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी चाहे महिला हो या पुरुष हो सकती है.ह्रदय से संबंधित बीमारियाँ होने के प्रमुख्य कारण हो सकते हैं जैसे अनियमित दिनचर्या,धूम्रपान करना, मोटापा, अत्यधिक तनाव और उच्च रक्तचाप.
जौ का पानी ह्रदय को स्वस्थ रखने में बहुत फायदेमंद होता है.जौ का पानी में नियासीन तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो ह्रदय को विषाक्त पदार्थों से बचाने में मदद करता है और ह्रदय को स्वस्थ रखने में लाभकारी होता है.
2 जौ का दलिया खाने के फायदे वजन कम करने में
आज अनियमित जीवनशैली और गलत खान पान के कारण कई लोग मोटापे का शिकार हो जाते हैं.और इसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. अपना वजन कम करने के लिए लोग कई तरीको को आजमाते है जैसे एक्सरसाइज और दवाइयों का सेवन करना.
जब इन तरीको से भी मोटापा कम नहीं होता है तो व्यक्ति खाना खाना छोड़ देता है या खाना कम खता है. लेकिन ऐसा करने से आपका शरीर कमजोर हो जाता है और अन्य बीमारियाँ होने का खतरा बढ़ जाता है.
जौ का दलिया खाने के फायदे होते है बढ़ते वजन को कम करने में.जौ में बीटा-ग्लूकेन,फाइबर और एंटीओबेसिटी तत्त्व पाए जाते हैं जो मोटापे को कम करने में मदद करते हैं. फाइबर एक घुलनशील पदार्थ होता है जो आंतो में जाकर फैट को अवशोषित करता है और धीरे-धीरे वजन कम होने लगता है.
3 हड्डियों को मजबूत बनाने में जौ के लाभ
एक उम्र के बाद हड्डियाँ कमजोर होना आम बात है लेकिन यदि कम उम्र में हड्डियाँ कमजोर हो जाए तो चिंता का विषय बन जाता है. हड्डियाँ कमजोर होने पर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जैसे शारीरिक कमजोरी, वजन उठाने में असमर्थ, जल्दी थकान होना आदि.हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए अपने आहार कैल्शियम और अन्य जरुरी तत्वों को शामिल करने की आवश्यकता होती है.
हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने में जौ का दलिया खाने के फायदे मिल सकते हैं. जौ में कैल्सियम, फास्फोरस, जिंक और अन्य पोषक तत्त्व पाए जाते है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में कारगर माने जाते हैं.
4 जौ का प्रयोग पित्ताशय की पथरी में असरदार
पित्त की पथरी छोटे पत्थर के आकार की होती हैं, जो पित्ताशय की थैली में मौजूद होती हैं. पित्त की पथरी होने पर रोगी को बहुत तेज दर्द होता है. यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो बाद में ऑपरेशन की नौबत आ जाती है.
पित्ताशय की पथरी को दूर करने में जौ के आटे की रोटी फायदेमंद होती है.जौ में मौजूद फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो पित्ताशय की पथरी को गलाने में मदद करता है.
5 जौ का पानी के लाभ मधुमेह नियंत्रण में
आजकल भाग-दौड़ और तनाव भरी जिंदगी हो गई है जिसमे न खाने का ढंग और न ही सोने का सही समय जिससे परिणामस्वरूप कई गंभीर बीमारियाँ घेरने लगती है.
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो यदि किसी व्यक्ति एक बार हो जाए तो ज़िन्दगी भर उस व्यक्ति के साथ रहती है.जौ का पानी मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी माना जाता है. जौ में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन की मात्रा बढाने में मदद करता है जिससे शुगर कण्ट्रोल में रहता है.
6 जौ का फायदा पाचन शक्ति बढाने और कब्ज को ठीक करने में
पाचन तंत्र हमारे शरीर का प्रमुख अंग होता है जो भोजन को पचाकर उससे मिली ऊर्जा को शरीर में लगाता है. यदि किसी व्यक्ति का पाचन तंत्र ख़राब है या ठीक तरह से काम नहीं कर रहा तो कितना भी अच्छा भोजन कर ले शरीर को कोई फायदा नहीं होगा बल्कि नुकसान ही होगा.पाचन क्रिया ख़राब होने पर कब्ज, पेट दर्द, दस्त और अन्य समस्याएं होने लगती है.
पाचन शक्ति को बढ़ाने में जौ का आटा (Jau ka Atta) बहुत लाभकारी होता है.जौ में मौजूद डायट्री फाइबर,बीटा-ग्लूकेन और ब्यूटेरिक एसिड जो पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ ही कब्ज को ठीक करने में मदद करते है.
7 जौ के फायदे कैंसर से इलाज में
कैंसर एक ऐसा रोग है, जो धीरे-धीरे वैश्विक महामारी का रूप लेता लेता है. यदि किसी व्यक्ति को कैंसर रोग हो जाता है तो इसे ठीक करना बहुत मुश्किल होता है. इसके अलावा कैंसर का इलाज इतना महंगा होता है कि ज्यादातर लोग इसके खर्च उठाने में सक्षम नहीं हो पाते. इसलिए इससे बचाव में ही समझदारी है.
जौ का इस्तेमाल करने से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है.जौ में बीटा-ग्लूकेन, फिनोलिक्स, अर्बीनोक्जायलन, फाइटोस्टेरोल, लिग्नेन और रेजिस्टेंट स्टार्च जैसे तत्व मौजूद होते है जो कैंसर बीमारी की रोकथाम करते हैं. इसके अलावा जौ में एंटीकैंसर गुण पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है और उन्हें नष्ट करता है.
8 जौ के गुण बचाएं एनीमिया से
जब हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है तो एनीमिया रोग या खून की कमी हो जाती है.एक शोध के अनुसार यह बात सामने आयी है कि अन्य देशों की महिलाओं की तुलना में भारतीय महिलाओं को ज्यादा एनीमिया रोग ग्रसित करता है.आयरन की कमी के कारण शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है जिससे एनीमिया रोग हो जाता है.
जौ का सेवन करने से आयरन को पूरा किया जा सकता है और एनीमिया रोग से छुटकारा मिल सकता है.जौ में आयरन की भरपूर मात्रा पायी जाती है जो शरीर में खून की कमी को पूरा करता है.
9 अस्थमा के लिए जौ के लाभ
अस्थमा या दमा फेफड़ों की एक ऐसी गंभीर बीमारी होती है जिसकी वजह से रोगी को साँस लेने में दिक्कत होती है. अस्थमा होने के कारण स्वशन नली में सूजन आ जाती है और इसी नाली के माध्यम से हवा फेफड़ों के अन्दर और बाहर जाती है जिससे पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में काफी समस्या होती है.
अस्थमा होने के कई कारण हो सकते है जैसे कई लोगों को यह बीमारी जेनेटिक के कारण होती हैं तो कई लोग एलर्जी के कारण अस्थमा के शिकार हो जाते है.अस्थमा से निजात पाने में जौ का सेवन करना फायदेमंद शाबित हो सकता है.
10 जौ का सत्तू खाने के फायदे अर्थराइटिस में
भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में गलत खान पान और अनियमित दिनचर्या से शरीर को कई बीमारियाँ घेरने लगती है जैसे हड्डियां, जोड़ों और मांंसपेशियां कमजोर होना. इसके परिणामस्वरूप गठिया रोग या आर्थराइटिस हो जाता है.
पहले यह बीमारी बूढ़े-बुजुर्गो को होती थे लेकिन अब युवा पीढी भी गठिया रोग से प्रभावित हो रहे है.अर्थराइटिस से ग्रसित रोगी को घुटनों, कूल्हों, हाथों में जकडन होती है. इसके अलावा पीड़ित को चलने-फिरने और उठने-बैठने में काफी कठिनाई होती है.
अर्थराइटिस से छुटकारा पाने के लिए जौ का सत्तू का सेवन किया जा सकता है. जौ में एंटीअर्थराइटिक तत्त्व पाया जाता है जो अर्थराइटिस से राहत दिलाने में मदद करता है.इसके लिए जौ के सत्तू को पानी में घोलकर पीने से अर्थराइटिस में लाभ होता है.
