नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आखिरी बाधा दूर

नोएडा : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की अंतिम बाधा मंगलवार को दूर हो गई। प्रदेश कैबिनेट ने शौर भूमि को सामान्य श्रेणी की भूमि मानने का मई 2018 का आदेश निरस्त कर दिया है। इस फैसले से नोएडा एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए अधिगृहीत 1334 हे. भूमि में से अवशेष 14 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा बांटने का रास्ता साफ हो गया है। मुआवजा न मिलने के कारण इस जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया था और एयरपोर्ट की चारदीवारी का काम अधूरा रह गया था। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए 1334 हे. जमीन का अधिग्रहण हुआ था। इस जमीन पर 17 किमी लंबी चारदीवारी की गई, लेकिन आठ हेक्टेयर जमीन पर चारदीवारी का काम पूरा नहीं हो सका। दरअसल यह जमीन सरकारी दस्तावेज में शौर भूमि के रूप में दर्ज थी। इसलिए शौर भूमि का मुआवजा वितरण नहीं हो सका। मुआवजा न मिलने पर किसानों ने भूमि पर कब्जा देने से इंकार कर दिया। पहले चरण से प्रभावित शौर जमीन का कुल क्षेत्रफल 14 हे. है। यह जमीन 62 खाते में दर्ज है। चारदीवारी अधूरी रहने के कारण जंगली जानवर इसके रास्ते एयरपोर्ट साइट में अंदर प्रवेश कर जाते हैं। इससे निर्माण कार्य में बाधा आ रही थी। विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. ने नियाल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. को पत्र लिखकर इस अड़चन को दूर कराने की मांग की थी। प्रदेश कैबिनेट के फैसले के बाद यह अड़चन दूर हो गई है। नियाल सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि शौर जमीन को ऊसर भूमि मान लिया गया है। इसके पट्टे धारक किसानों को मुआवजा वितरित कर जमीन पर कब्जा लिया जा सकेगा और एयरपोर्ट की चारदीवारी का निर्माण पूरा हो सकेगा।
