आज से शुरू होगा दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र

दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है. दो दिनों तक चलने वाले इस सत्र में सरकार और विपक्ष एक दूसरे को घेरने की कोशिश करेंगे. जहां आम आदमी पार्टी हाल ही में लागू किए गए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 का मुद्दा उठा सकती है तो वहीं विपक्षी बीजेपी हाल की दिल्ली में बाढ़ के कथित कुप्रबंधन के अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक बंगले के पुनर्निर्माण समेत विभिन्न मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछकर घेरने की कोशिश कर सकती है.
बताया जा रहा है कि विधानसभा का ये सत्र बुधवार यानी 16 अगस्त 2023 को सुबह 11:00 बजे शुरू होगा. बता दें कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक-2023 यानी दिल्ली सेवा बिल पास होने से दिल्ली के उपराज्यपाल एक बार फिर अलग अंदाज में नजर आएंगे. इसलिए माना जा रहा है कि इस सत्र से दिल्ली की सियासत में एक बार फिर से गर्मागर्मी शुरू हो सकती है.
मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच नहीं खत्म होगी तकरार?
बता दें कि दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति और तबादले के लिए भले ही राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) का गठन किया जा रहा है. हालांकि इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन प्राधिकरण में तीन सदस्यों की मौजूदगी के कारण नौकरशाहों का पक्ष मजबूत रहेगा. इसके साथ ही प्राधिकरण के फैसलों पर उपराज्यपाल की राय आखिरी मानी जाएगी. इससे दिल्ली सरकार और एलजी के बीच फिर से तकरार की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
विपक्ष ने की सत्र को 10 दिन चलाने की मांग
उधर, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बुधवार से बुलाए गए दो दिवसीय विशेष सत्र को बढ़ाकर 10 दिन करने की मांग है. जिसे लेकर उन्होंने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा था, उन्होंने विधानसभा का सत्र बढ़ाने के लिए तर्क दिया गया था कि राजधानी की समस्याओं पर चर्चा के लिए दो दिन पर्याप्त नहीं हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को लिखे पत्र में 12 मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया था. जिसमें महिलाओं की सुरक्षा और अप्रिय घटनाओं को रोकने के नाम पर लगाए गए पैनिक बटन में घपला, आधी रात को सतर्कता विभाग से भ्रष्टाचार के मामलों की फाइलों की हेराफेरी, सीएम के आवास के सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपये के खर्च के साथ-साथ राजधानी में बाढ़ से निपटने में सरकार की नाकामी प्रमुख मुद्दे हैं.
