वर्क फ्रॉम होम के नाम पर लाखों की ठगी, केस दर्ज

इंदौर। क्राइम ब्रांच ने बेरोजगार युवक-युवतियों से रुपये ऐंठने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह ने इंदौर सहित महाराष्ट्र, दिल्ली में भी जरूरतमंदों को ठगा है। सरगना डाटा एंट्री आपरेटर की नौकरी का झांसा देता था। पुलिस काल सेंटर संचालित करने वाली युवती सहित पांच लोगों से पूछताछ कर रही है। डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक, आरोपित मृदुल शर्मा निवासी कृष्णबाग कालोनी (60 फीट रोड) सहित सौरभ गौसर, रोहन पंवार, ऋतिक भाटी, अमन मालवीय और किरण सिंह की गिरफ्तारी हुई है। मृदुल ने नौलखा और गीताभवन चौराहे पर शिपमेंट सोल्यूशन के नाम से डाटा एंट्री का कार्यालय खोला था।

सहायिका किरण काल सेंटर के माध्यम से जरूरतमंद और बेरोजगार युवक-युवतियों को काल लगाती थी। उन्हें डाटा एंट्री जाब का झांसा दिया जाता था। वर्क फ्राम होम और रुपयों के लालच में लोग आसानी से फंसा जाते थे। आरोपित एक महीने तक डाटा एंट्री करवाते और रुपयों की मांग करने पर गुजरात, दिल्ली, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना के वकील बनकर धमकाते थे। गलत एंट्री करने का बोलकर आवेदकों पर केस करने की धमकी दी जाती थी। डरकर आवेदक आरोपितों से सैलरी छोड़कर मामला रफादफा करने के नाम पर रुपये जमा करवा देते थे। इस तरह कई आवेदकों को ठगा जा रहा था। पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर को शिकायत होने पर अपराध शाखा से जांच करवाई गई। पुलिस ने आरोपितों के ठिकानों पर छापा मारकर 12 मोबाइल और एक लैपटाप बरामद कर लिया है।