उच्च शिक्षा विभाग ने एसोसिएट प्रोफेसर को सेवानिवृत्ति के 14 माह बाद प्रोफेसर पद पर किया प्रमोट

झुंझुनू। झुंझुनू योग्यता और सिनियरिटी के आधार पर होने वाली विभागीय पदोन्नति का एक रोचक मामला सामने आया है। सूर्य विहार में रहने वाले डॉ. द्वारका प्रसाद मीणा को सेवानिवृत्ति के 14 महीने बाद पदोन्नति मिली है। पदोन्नति का अवार्ड भी 30 सितंबर 2019 के बाद से मान्य रखा गया है। संभवत: झुंझुनूं जिले में सेवानिवृत्ति के इतने महीने बाद उच्च शिक्षा विभाग में पदोन्नति का यह पहला मामला है। जानकारी के अनुसार कॉलेज शिक्षा आयुक्त ने 31 अगस्त को एक पत्र जारी किया था। जिसमें राज्य सरकार की अधिसूचना के तहत नियम 23 के अनुसार गठित मूल्यांकन समिति ने 29 अगस्त को हुई बैठक में अनुशंसा की थी।
जिसके तहत कैरियर एडवांसमेंट योजना के तहत प्रदेश डॉ. डीपी मीणा वर्ष 2022 में टोंक जिले से सेठ नेतराम मघराज टीबड़ेवाल राजकीय कन्या कॉलेज में हिन्दी विषय के सह आचार्य पद पर ट्रांसफर हुआ था। इस बीच वे एक साल स्वामी विवेकानंद कॉलेज खेतड़ी में भी रहे। इसके बाद उनका वापस झुंझुनूं के नेतराम मघराज टीबड़ेवाल गर्ल्स कॉलेज में ट्रांसफर हो गया।
इस दौरान प्राचार्य का पद रिक्त होने पर योग्यता व सिनियरिटी के आधार पर उन्हें पहले कार्यवाहक प्राचार्य का पदभार दिया गया, लेकिन फाइनेंस कार्य की समस्या को देखते हुए आयुक्तालय ने उन्हें प्राचार्य पद पर नियुक्त किया। वे करीब तीन साल से ज्यादा समय के लिए प्राचार्य रहे और 30 जून 2022 को सेवानिवृत हो गए थे। के हिन्दी विषय के 27 सह आचार्यों को आचार्य पद पर पदोन्नत किया गया है। इसमें सेठ नेतराम मघराज टीबड़ेवाल राजकीय कन्या कॉलेज के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. द्वारका प्रसाद मीणा को भी शामिल किया गया है। जानकारों का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग की यह बड़ी लापरवाही है। महज 27 सह आचार्यों की लिस्ट में एक नाम आना बड़ी लापरवाही है।
