
नई दिल्ली। अमेरिका में इस साल के अंत में राष्ट्रपति चुनाव होंगे. चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियां राष्ट्रपति पद के लिए अपने-अपने आधिकारिक उम्मीदवारों के चयन में जुटी हैं. इस बीच दो भारतवंशियों के बीच की तनातनी चरम पर पहुंच गई है. रिपब्लिकन पार्टी की ओर से फिलहाल पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सबसे आगे हैं. उनके कट्टर समर्थक बनकर सामने आए भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने एक और भारतवंशी निक्की हेली पर निशाना साधा है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से मजबूत दावेदारों में ट्रंप के बाद निक्की हेली हैं. हालांकि, ट्रंप ने दो बार हेली को पटखनी दे दी है. लेकिन हेली ने साउथ कैरोलिना में होने जा रही प्राइमरी में जीत का दावा है. उनके इस दावे पर निशाना साधते हुए रामास्वामी ने कहा कि निक्की जो बार-बार जीत का दावा कर रही हैं.

उससे दरअसल इस रेस की असलियत सामने आई है. हेली किसी भी हाल में ट्रंप को नहीं हरा सकती, वह सीधे-सीधे चुनाव में तो ट्रंप को नहीं हरा सकती इसलिए उनके डोनर मास्टर बैलट में छेड़छाड़ कर ट्रंप को हराने की साजिश रच रहे हैं. यह बेहूदा है. लेकिन सच्चाई है. बीते महीने रिपब्लिकन पार्टी की चौथी राष्ट्रपति बहस के दौरान विवेक रामास्वामी ने निक्की हेली पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने इस दौरान नेशनल टीवी पर निक्की को भ्रष्ट बताते हुए एक कागज दिखाया था, जिस पर निक्की = भ्रष्ट लिखा हुआ था. इतना ही नहीं, वह निक्की को कठपुतली कहने से भी नहीं चूके थे और उन्हें पहचान की राजनीति जैसे हथकंडे का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था. बता दें कि इस डिबेट में विवेक रामास्वामी और निक्की हेली के अलावा न्यूजर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैंटिस भी थे. रामास्वामी ने हेली के उन हालिया बयानों का जिक्र किया था, जिसमें हेली ने कहा था कि सोशल मीडिया अकाउंट्स को नाम देखकर वेरिफाइ करना चाहिए. हेली ने कहा था कि सोशल मीडिया पर हर शख्स को उनके नाम देखकर वेरिफाइ करना चाहिए. इस पर जब हेली (51) से इन आरोपों पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि वह रामास्वामी के इन बेतुके बयानों का जवाब देना वाजिब नहीं समझती.