सांई स्व सहायता समूह की सदस्य चंपा पटेल ने गौ पालन को बनाया आजीविका का साधन

महासमुंद। प्रदेश के गरीब व कमजोर आय वर्ग परिवारों के जीवन स्तर में सुधार के लिए सरकार की ओर से कई तरह की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। ऐसी ही एक योजना के माध्यम से प्रदेश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के गरीब लोगों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और उन्हें उन्ही के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार की ओर से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत गरीब परिवार की आय में बढ़ोतरी के लिए उन्हें रोजगार उपल्बध करवाया जाता है, जिससे वह आत्मनिर्भर होकर बिना किसी आर्थिक समस्या के अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। इसी योजना के तहत जनपद पंचायत बसना से 15 किमी दूर ग्राम उमरिया में संवहनीय कृषि योजना अंतर्गत स्व सहायता समूह की सदस्य चम्पा पटेल की ओर से पशुपालन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वह सांई महिला स्व सहायता समूह की सदस्य है और कृषि सी.आर.पी. चक्र में पशु सखी के रूप में चयनित हुई है। उनके द्वारा वर्तमान में पशुपालन नियमित रूप से किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान“ संवहनीय कृषि योजनांतर्गत उन्होंने गाय पालन को आजीविका का साधन बनाया। शुरूआत में समूह से ऋण लेकर एक गाय खरीदी, जिससे अच्छा दूध उत्पादन हुआ। उन्हें काफी मुनाफा हुआ। उन्होंने बताया कि कुछ माह बाद समूह से आर.एफ.व सी.आई.एफ. एवं बैंक लिंकेज से सहायता राशि लेकर और गाय खरीदी। आज मेरे पास अच्छी नस्ल की छः गाय है। जिससे उन्हें प्रतिदिन 12 से 15 लीटर दूध प्राप्त होता है। जिसको वह गांव में दुग्ध सोसायटी है, उसमें विक्रय कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही हैं। उन्हें सालाना लगभग एक लाख बीस हजार रुपए की आमदनी प्राप्त हो जाती है। साथ ही गौठान में 30 क्विंटल गोबर भी विक्रय कर लाभांश प्राप्त कर चुकी हूं। उन्होंने बताया कि समूह में जुड़ने से पहले घर में खाली बैठे रहती थी। घर परिवार चलाने के लिए पैसे की बहुत समस्या रहती थी। आज इस कार्य से गौ सेवा भी हो जाती है साथ ही अच्छी खासी आमदनी मिल जाती है। मेरे जीवन में अच्छा बदलाव हुआ, और मैं बहुत खुश व संतुष्ट हूं। आज आजीविका के रूप में गाय पालन करके वह बेहद खुश है। बिहान में जुड़ने से मुझे बहुत फायदा हुआ है अब मुझे गांव के बाहर कार्य करने जाने की आवश्यकता नही पड़ती। हमारे समूह कि ओर से शासन की इस महत्वपूर्ण “बिहान“ योजनांतर्गत संचालित संवहनीय कृषि एवं महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के लिए शासन को बहुत बहुत धन्यवाद करते है।
