रेप का फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाले गिरोह का खुलासा, बर्खास्त पुलिसकर्मी निकला मास्टरमाइंड

गोरखपुर: गोरखपुर में रेप का फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाला एक और गिरोह सामने आया है। इस गिरोह की कमान सिपाही के हाथ में है। आरोप है कि अपना बदला चुकाने के लिए सिपाही के इशारे पर एक महिला अपनी बेटियों को हथियार बनाकर रेप का मुकदमा दर्ज करा रही है। पीड़ित और उसके भाई पर अब तक पांच केस दर्ज हो चुके हैं जिसमें एक में हाईकोर्ट से स्टे है तो वहीं तीन में एफआर लग चुकी है। एक मामले में 30 अक्टूबर को कोर्ट में पेशी है। फर्जी मुकदमों से परेशान पीड़ित ने एसपी सिटी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिया है।

दरअसल, यह पूरी कहानी तिवारीपुर से 2021 से शुरू होती है। यहां पर किराये के मकान में रहने वाले सिपाही पर मकान मालिक की नाबालिग भांजी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था। सिपाही इस मामले में जेल गया और उसकी नौकरी भी चली गई। अब इसका बदला लेने के साथ ही सुलह कराने के लिए सिपाही ने मुकदमे को ही हथियार बनाया। उसने पहला मुकदमा अपनी पत्नी की तरफ से रेप का कराया। हालांकि आरोपित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और स्टे मिल गया।
सिपाही का रिश्तेदार भी सिपाही है। लिहाजा उसने महराजगंज जिले के फरेंदा में एक व्यक्ति से एससीएसटी का मुकदमा दर्ज करवाया जिसमें विवेचना में एफआर लग गयी। यह दोनों मुकदमे 2021 में दर्ज हुए थे। जब सिपाही को लगा कि उसके परिवार के लोगों की तरफ से केस होगा तो उसमें उस पर सवाल उठेंगे तब उसने एक महिला को अपना हथियार बनाया और उस महिला की बेटी को पीड़ित बताकर बस्ती जिले लालगंज में दुष्कर्म और धमकी, जालसाजी सहित अन्य धारा में केस दर्ज कराया।
विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आया कि महिला सिपाही से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी है और मुकदमे में एफआर लग गई। इसके बाद दस अप्रैल 2022 की घटना दिखाकर महिला ने गोरखनाथ में केस दर्ज कराई जिसमें बाद में एफआर लग गई। उसके बाद एक बार फिर महिला 15 नवम्बर 2022 की घटना बताकर कोर्ट पहुंची और इस बार छोटी बेटी को पीड़ित और बड़ी बेटी को गवाह बनाया जिसमें छेड़खानी और पाक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ। मामले में आरोपी दोनों भाई 30 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होंगे।
केस दर्ज होने के बाद पुलिस से ज्यादा आरोपित खुद के बचाव के लिए सबूत तलाश रहे हैं। हाल के कुछ दिनों में यह तीसरा प्रकरण है। कैम्पियरगंज के पीड़ित ने नफीसा के खिलाफ हाईकोर्ट तक लड़ाई लड़ी। जांच कराया तो मामला खुला। वहीं इम्तियाज की पत्नी शैबा ने पति के बचाव में खुद ढाल बनकर कोर्ट कचहरी का चक्कर काटकर सबूत जुटाए। अफसरों से जांच कराकर विकास सिन्हा और उसके गिरोह को उजागर करने में मददगार बनी। इन घटनाओं को देखकर तिवारीपुर का युवक भी सामने आया है।
इससे पहले एक महिला और दूसरा हास्पिटल संचालक विकास सिन्हा का गैंग सामने आ चुका है। यह दोनों गैंग वसूली के लिए फर्जी रेप केस दर्ज कराता था। जांच में इनकी करतूत सामने आई और मुकदमा दर्ज हुआ।