कबाड़ वाहनों पर भी भारी टैक्स का नोटिस

उत्तराखंड | परिवहन विभाग के वाहन-4 सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण कई लोग लाखों रुपये के रोड टैक्स के बकायेदार बन गए. लोगों के घर बकाया का नोटिस मिलने के बाद इसका पता चला है. परिवहन विभाग ने वास्तविक बकायेदारों की छंटनी शुरू कर दी है. जिन वाहन स्वामियों पर सॉफ्टवेयर की कमी के कारण बकाया दिख रहा है, उनकी सूची एनआईसी को भेजने की तैयारी है.
संभागीय परिवहन विभाग की ओर से रोड टैक्स के बकायादारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसमें 16 हजार से ज्यादा बकायेदार हैं, जिन पर 60 करोड़ रुपये से ज्यादा का टैक्स बकाया चल रहा है. कुछ वाहन कई साल से टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं. विभाग की ओर से बकायेदारों को नोटिस भेजे गए. लेकिन नोटिस ऐसे लोगों के घर भी पहुंच गए, जिनके वाहन सालों पहले कबाड़ में बिक चुके हैं और वाहन स्वामी ने वाहन के चेसिस का टुकड़ा जमा कर पंजीयन भी निरस्त करवा दिया था. ऐसे स्वामियों को भी नोटिस गया, जिनका वाहन दूसरे राज्य में ट्रांसफर हो गया, उनको एनओसी जारी हो चुकी. अब तक ऐसे 20 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. नोटिस मिलने के बाद लोग प्रार्थना पत्र लेकर आरटीओ पहुंच रहे हैं. किसी पर 50 हजार तो किसी पर एक लाख से ज्यादा का टैक्स बकाया दिखाया जा रहा है. कुछ ऐसे भी हैं, जिन पर साढ़े पांच लाख से ज्यादा टैक्स बकाया दिखाया है.
प्राइवेट से कॉमर्शियल हो गए कई वाहन

कुछ वाहन ऐसे हैं, जिनको वाहन स्वामी सालों पहले कॉमर्शियल से प्राइवेट में रजिस्टर्ड करवा चुके थे. लेकिन ये वाहन फिर से कॉमर्शियल में आ गए, जिससे इन पर टैक्स जुड़ने लगा. ऐसे वाहन स्वामियों को भी नोटिस भेजे हैं.
35 करोड़ का बकाया वसूला
आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि इस बार बकायादारों के खिलाफ सख्ती से की जा रही है. पिछले साल 28 करोड़ रुपये का बकाया वूसल हुआ था, जबकि इस बार 35 करोड़ रुपये का बकाया वसूल हुआ है. बकायेदरों को नोटिस उनके घर जाकर थमाए गए हैं. गड़बड़ी को ठीक कराया जाएगा.
इसलिए शुरू हुई दिक्कत
आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि वाहनों का डाटा पहले वाहन-1 सॉफ्टवेयर में था, जिसे 20 में इसे वाहन-4 में ट्रांसफर कर दिया गया था. डाटा ट्रांसफर होने के बाद इस तरह की दिक्कत आई है.