पुलिस और सीआरपीएफ का मानवीय चेहरा, जमकर वायरल हो रही तस्वीर

- नक्सली को इलाज एयरलिफ्ट कराकर हेलीकॉप्टर से रांची के अस्पताल भेजकर अलग मिसाल पेश की है.
रांची: झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ नक्सलियों के खिलाफ सख्त अभियान और फ्लश आउट ऑपरेशन (Flush Out Operation) चला तो रही है. ऑपरेशन के दौरान जख्मी हुए नक्सली को इलाज एयरलिफ्ट कराकर हेलीकॉप्टर से रांची के अस्पताल भेजकर अलग मिसाल पेश की है. वहीं, साथी को जख्मी देख बाकी के नक्सली दस्ते ने उसे छोड़कर जंगल में भाग निकले. वहीं, पुलिस का कहना है कि झारखंड में नक्सलियों के अंतिम गढ़ कोल्हान में निर्णायक लड़ाई जारी है.

दरअसल, झारखंड में उग्रवादियों के खात्मे को लेकर झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा, झारखंड जगुआर के सुरक्षाबल मिलकर संयुक्त अभियान चला रहे हैं. नक्सली राज्य में अपने आखिरी गढ़ एवं शरण स्थली कोल्हान, चाईबासा क्षेत्र में सक्रिय हैं. नक्सलियों के शीर्ष नेता मिशिर बेसरा (पोलित ब्यूरो मेंबर), अनल (केन्द्रीय कमेटी सदस्य), असीम मंडल (केन्द्रीय कमेटी सदस्य) अन्य शीर्ष नक्सली नेताओं और दस्ता सदस्यों के साथ कोल्हान जंगली क्षेत्र (चाईबासा जिला) में मौजूद हैं और किसी हमले की प्लानिंग कर रहे हैं.
सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलियों पर लगातार करारा प्रहार जारी है. इसी के तहत 13 अक्टूबर को कोल्हान के हुसीपी जंगली क्षेत्र में पहले से घात लगाये नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों को लक्ष्य करके अंधाधुंध गोलीबारी के साथ लैंड माइंस ब्लास्ट किया गया. सुरक्षाबलों द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई से कई नक्सली घने जंगल का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए.
मगर, इस मुठभेड़ में कई नक्सली जख्मी भी हुए. सुरक्षाबलों को सूचना मिली की जख्मी नक्सली को उसके साथी छोड़ कर भाग गए हैं. अगले दिन 14 अक्टूबर को सुरक्षाबलों ने सघन तलाशी अभियान चलाया गया. इस दौरान हुसीपी के जंगली क्षेत्र में एक नक्सली मरने की स्थिति में दिखाई दिया.
सुरक्षाबलों द्वारा जख्मी नक्सली को जान बचाने की नीयत से इलाज के लिए हुसीपी लाया गया और सुरक्षाबलों ने अपनी जान जोखिम में डालकर आईईडी से भरे रास्तों पर पैदल चलते हुए जख्मी नक्सली को अपने कंधों पर उठाकर लगभग पांच किमी पैदल चलकर हाथीगुरू कैंप लाए. यहां पर नक्सली का सीआरपीएफ मेडिकल ऑफिसरों द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया. इसके बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए झारखंड पुलिस द्वारा विशेष प्रयास कर उसे बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कराते हुए रांची अस्पताल पहुंचाया.
कोल्हान जंगली क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा बिछाये गए लैंड माइंस से सुरक्षाबलों के साथ ग्रामीणों को भारी नुकसान पहुंचा है. नवंबर 2022 से लेकर अब तक 4 सुरक्षाबलों की शहादत हो चुकी है. साथ ही 28 सुरक्षाकर्मी जख्मी हुए हैं. इसके अलावा 16 आईईडी ब्लास्ट में 11 और नक्सलियों द्वारा 5 ग्रामीण की हत्या की गई है. 8 ग्रामीण लैंड माइंस ब्लास्ट में गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं.
झारखंड पुलिस ने कहा है कि राज्य में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान का एकमात्र उद्देश्य उग्रवाद का खात्मा करना है, जिससे सरकार द्वारा राज्य में चलाये जा रहे विकासशील योजनाओं का लाभ सुदूर क्षेत्रों में भी पहुंचे. झारखंड में सरकार द्वारा एक बहुत ही प्रभावी और लाभकारी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति लागू की गई है. इस नीति से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार एवं संयुक्त सुरक्षा बल आतंक का अंत बिना किसी जान-माल की हानि या नुकसान के करना चाहते हैं. नक्सलियों के शीर्ष नेताओं से झारखंड सरकार एवं झारखंड पुलिस ने यह अपील की है कि आतंक का रास्ता छोड़कर नक्सली समाज के मुख्य धारा से जुड़ें. अपने और राज्य के विकास में सहयोग करें.
झारखंड पुलिस एवं सीआरपीएफ का मानवीय चेहरा
जख्मी नक्सली को इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से लाया गया रांची
राज्य में नक्सलियों के अंतिम गढ़ कोल्हान में सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई जारी
झारखंड पुलिस “सेवा ही लक्ष्य” pic.twitter.com/WIRi9E0u3F
— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) October 14, 2023