गेयटी थियेटर में तीन दिवसीय सिक्का प्रदर्शनी शुरू

शिमला: गेयटी थियेटर में शुक्रवार से तीन दिवसीय सिक्का प्रदर्शनी शुरू हो गई है। इसमें देशभर के 40 विद्वानों ने सिक्कों पर शोध किया है। इस प्रदर्शनी में लाये गये विभिन्न सिक्कों पर उस समय के इतिहास की कुछ घटनाओं के साथ-साथ उस समय के राजा का नाम भी उत्कीर्ण है। पीएचडी विद्वानों ने प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक के सिक्कों का अध्ययन किया है। भोपाल से आए बृजपाल सिंह का कहना है कि बरसात के मौसम में नदी के किनारे जो सिक्के मिलते हैं, उन्हें एकत्र कर बड़ी सावधानी से डिजाइन कर नया लुक दिया जाता है। एक छोटा सिक्का बनाने में तीन दिन से ज्यादा का समय लगता है. इस काम में काफी मेहनत लगती है क्योंकि ये सिक्के कई हजार साल पुराने हैं और बेहद कच्चे हैं।

वहीं, दिल्ली यूनिवर्सिटी से ऐतिहासिक मुद्राओं पर शोध कर रहे शोधकर्ता शुभ प्रतिम रे ने कहा कि इतिहास से जुड़े तत्वों को जानने के लिए सिक्के ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. उस शासनकाल के सिक्के उन तथ्यों को भी उजागर करते हैं जिनका उल्लेख लेखों में नहीं है। उन्होंने कहा कि वह औरंगजेब के काल से संबंधित दो प्रकार के सिक्कों पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत करने के बाद हिमाचल पहुंचे हैं और इस पर अपने विचार विशेषज्ञों के सामने रखेंगे।