कोर्ट के निर्देश के बाद भी नहीं दिया जवाब

झारखण्ड | झारखंड हाईकोर्ट में रांची-हजारीबाग में एसआईटी जांच में अनुमानित तीन हजार करोड़ के भूमि मुआवजा घोटाले और एनटीपीसी द्वारा तीन सौ करोड़ मुआवजा बांटने के मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. यह जनहित याचिका मंटू सोनी की ओर से उनके अधिवक्ता ने दायर की है.
सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता के जवाब में एनटीपीसी ने अतिक्रमणकारियों को मुआवजा वितरण करने की बात स्वीकारी गई है, लेकिन कितने को किस दर पर कितना मुआवजा बांटा गया, उसका कोई विवरण एनटीपीसी ने नहीं दिया है. अतिक्रमणकारियों की सूची किसने बनाई, उसका सत्यापन कैसे किया गया, उसकी कोई जानकारी नहीं है. जबकि देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता वाली एसआईटी जांच में अतिक्रमणकारियों की पहचान-सत्यापन और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे. वहीं हाईकोर्ट में हुई पिछली तीन सुनवाई में राज्य सरकार और सीबीआई को जवाब देने के निर्देश के बाद भी अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया गया है. बता दें कि अवैध कब्जाधारियों को भी बिना सत्यापन के मुआवजा बांटने का आरोप है.
2004 से शुरू हुई गड़बड़ी
एसआईटी की जांच रिपोर्ट के अनुसार रजिस्टर-दो में फर्जी तरीके से हजारों एकड़ जमीन की गड़बड़ी का यह काम 2004 से ही शुरू हो गया था, जब एनटीपीसी को बड़कागांव में कोल ब्लॉक आवंटित किया गया.
