इंफाल में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय में लगाई आग


इंफाल। मणिपुर में जुलाई से लापता दो स्टूडेंट्स की डेड बॉडीज की तस्वीरें सामने आने के बाद फिर हिंसा भड़क गई है। राजधानी इंफाल सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने थाउबल जिले में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी, इंफाल में भाजपा अध्यक्ष के घर पर हमला किया और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का पुलता जलाया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले, नकली बम फेंके और पैलेट गन चलाई। इंफाल के सिंग जामेई इलाके के 20 साल के एस उत्तम नाम के छात्र के सिर में कई छर्रे घुसने से उसकी हालत गंभीर है। वहीं, राज्य में एएफएसपीए को फिर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। 19 थाना क्षेत्रों को आफस्पा के दायरे से बाहर रखा गया है। ये थाने मैतेई बहुल घाटी इलाके (ईस्ट इंफाल और वेस्ट इंफाल) में आते हैं, जहां हिंसा, तनाव, आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। खास बात ये है कि आफस्पा जिन पहाड़ी इलाकों में बढ़ाया गया है, वहां कुकी बहुल इलाका ज्यादातर शांत है। इंफाल घाटी में पिछले 2 दिन में हुए प्रदर्शन में 50 लोग घायल हुए हैं। इनमें ज्यादातर छात्र हैं। 3 मई से शुरू हुई मणिपुर हिंसा में शुरू से अब तक सरकार और सुरक्षाबलों के खिलाफ लोगों में इतनी नाराजगी देखने को नहीं मिली थी। पुलिस ने बुधवार को प्रेस नोट जारी कर बताया कि राज्य में बीते 24 घंटे में माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन हालात पर कंट्रोल किया गया। हिंसा से जुड़ी घटनाओं को लेकर 1697 लोगों को हिरासत में लिया गया है। स्टूडेंट मर्डर केस की जांच के लिए सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अजय भटनागर अपनी टीम के साथ बुधवार को स्पेशल फ्लाइट में इंफाल पहुंचे। राज्य के पहाड़ी इलाकों में एएफएसपीए अभी लागू रहेगा। सरकार ने इसे 1 अक्टूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। सिर्फ 19 थाना क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया है। राज्य के बाकी हिस्से को डिस्टर्ब एरिया घोषित किया गया है। जिन 19 थाना क्षेत्रों को एएफएसपीए से अलग रखा गया है, उनमें इंफाल, लेंफेल, सिटी, सिंग्जमेई, सेकमई, लामसांग, पत्सोई, वांगोई, पोरोमपट, हेंगेंग, लामलाई, इरिलबुंग, लेमखोंग, थोबुल, बिष्णुपुर, नांबोल, मोइरोंग, काकचिंग और जिरिबम शामिल हैं।

इंफाल। मणिपुर में जुलाई से लापता दो स्टूडेंट्स की डेड बॉडीज की तस्वीरें सामने आने के बाद फिर हिंसा भड़क गई है। राजधानी इंफाल सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने थाउबल जिले में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी, इंफाल में भाजपा अध्यक्ष के घर पर हमला किया और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का पुलता जलाया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले, नकली बम फेंके और पैलेट गन चलाई। इंफाल के सिंग जामेई इलाके के 20 साल के एस उत्तम नाम के छात्र के सिर में कई छर्रे घुसने से उसकी हालत गंभीर है। वहीं, राज्य में एएफएसपीए को फिर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। 19 थाना क्षेत्रों को आफस्पा के दायरे से बाहर रखा गया है। ये थाने मैतेई बहुल घाटी इलाके (ईस्ट इंफाल और वेस्ट इंफाल) में आते हैं, जहां हिंसा, तनाव, आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। खास बात ये है कि आफस्पा जिन पहाड़ी इलाकों में बढ़ाया गया है, वहां कुकी बहुल इलाका ज्यादातर शांत है। इंफाल घाटी में पिछले 2 दिन में हुए प्रदर्शन में 50 लोग घायल हुए हैं। इनमें ज्यादातर छात्र हैं। 3 मई से शुरू हुई मणिपुर हिंसा में शुरू से अब तक सरकार और सुरक्षाबलों के खिलाफ लोगों में इतनी नाराजगी देखने को नहीं मिली थी। पुलिस ने बुधवार को प्रेस नोट जारी कर बताया कि राज्य में बीते 24 घंटे में माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन हालात पर कंट्रोल किया गया। हिंसा से जुड़ी घटनाओं को लेकर 1697 लोगों को हिरासत में लिया गया है। स्टूडेंट मर्डर केस की जांच के लिए सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अजय भटनागर अपनी टीम के साथ बुधवार को स्पेशल फ्लाइट में इंफाल पहुंचे। राज्य के पहाड़ी इलाकों में एएफएसपीए अभी लागू रहेगा। सरकार ने इसे 1 अक्टूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। सिर्फ 19 थाना क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया है। राज्य के बाकी हिस्से को डिस्टर्ब एरिया घोषित किया गया है। जिन 19 थाना क्षेत्रों को एएफएसपीए से अलग रखा गया है, उनमें इंफाल, लेंफेल, सिटी, सिंग्जमेई, सेकमई, लामसांग, पत्सोई, वांगोई, पोरोमपट, हेंगेंग, लामलाई, इरिलबुंग, लेमखोंग, थोबुल, बिष्णुपुर, नांबोल, मोइरोंग, काकचिंग और जिरिबम शामिल हैं।
