एनआईए ने डॉक्टर को उठाया, पांच घंटे पूछताछ, टेरर फंडिंग के मामले में शहर पहुंची जांच टीम

उत्तरप्रदेश | टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने पूरे देश में अलग-अलग ठिकानों में छापेमारी कर संदिग्धों से पूछताछ की. दिल्ली में दर्ज एक केस में विवेचना के दौरान कानपुर के डॉक्टर अबरार हुसैन को मूलगंज से उठा लिया. मूलगंज थाने में साढ़े पांच घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान एनआईए उसके यहां से बरामद कुछ किताबें अपने साथ ले गई है. पूछताछ करने के बाद डॉ. अबरार को छोड़ दिया गया.

टेरर फंडिंग को लेकर चले अभियान के दौरान लखनऊ की नम्बर प्लेट लगी कार में एनआईए की चार सदस्यों वाली टीम मखनिया बाजार मूलगंज पहुंची. यहां पर डॉ. अबरार हुसैन का क्लीनिक है. डॉक्टर का घर भी यहीं पर है. क्लीनक पर जो बोर्ड लगा है उसमें डॉ. अबरार हुसैन के नीचे बीयूएमएमएस (एलआई) लिखा है. एनआईए टीम ने डॉक्टर को सुबह साढ़े आठ बजे घर से उठा लिया और सीधे मूलगंज थाने लेकर चली आई. यहां पर दोपहर 130 बजे तक पूछताछ की गई. उसके बाद एनआईए टीम ने उन्हें छोड़ दिया. एनआईए सूत्रों के मुताबिक पीएफआई (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) को टेरर फंडिंग को लेकर संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में पिछले साल टेरर फंडिंग को लेकर एक केस दर्ज हुआ था. जिसकी तहकीकात एनआईए कर रही है. छानबीन के दौरान डॉ. अबरार व उसके परिवार वालों का नाम सामने आया है. टीम ने पहले डॉ. अबरार के बेटों से पूछताछ की. इसके बाद डॉक्टर से पूछताछ शुरू हुई. सन 2020 में सीएए एनआरसी विवाद में पांच पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. उस दौरान भी डॉ. अबरार पर शक था. 3 जून 2022 को नई सड़क हिंसा में भी डॉ. अबरार से पूछताछ हुई थी मगर कोई सबूत न मिलने के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी थी.
क्लीनिक के बगल में बुक स्टॉल डॉ. अबरार की क्लीनिक के बगल में इस्लामिक बुक स्टॉल है. यहां भी एनआईए टीम ने तलाशी ली. पांच किताबें टीम लेकर चली गई. बाबूपुरवा में भी एनआईए को एक युवक की तलाश है. इसका भी टेरर फंडिंग में नाम आया है. एनआईए की टीम बाबूपुरवा भी गई थी मगर वहां पर उन्हें संदिग्ध मिला नहीं.