रायपुर। केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए जुलाई 23 से एरियर सहित 4% प्रतिशत डीए/डीआर देने आदेश जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को भी विधानसभा चुनाव में कर्मचारियों के वोट बटोरने 5 साल से लगातर एरियर हजम करने वाली सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के सरकार से पहली बार एरियर सहित महंगाई भत्ता मिलने की उम्मीद बनी हुई है परंतु सरकार के नीयत को लेकर बुजुर्ग पेंशनर और कर्मचारी जगत को अभी भी संदेह हैं क्योंकि जिस प्रकार से कर्मचारी और पेंशनर फेडरेशन के लगातार मांगों के बावजूद बहुत विलम्ब से निर्वाचन आयोग से अनुमति लेने की कार्यवाही की गई है उससे तो यही लगता है पूर्व की भांति इस बार भी बिना एरियर आदेश जारी न कर दे। राज्य के प्रमुख कर्मचारी नेता तथा छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन प्रदेश संयोजक वीरेन्द्र नामदेव ने कांग्रेस पार्टी के सत्ता में काबिज सरकार को बिना एरियर आदेश करने पर विधान सभा चुनाव में करीब पांच लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी अधिकारी और सवा लाख से अधिक पेंशनर और उनके मतदाता परिवार वालों की मतों से वंचित होने की चेतावनी दिया है।

जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि निर्वाचन आयोग से जानबूझकर विलम्ब से अनुमति मांगा गया है ताकि बिना एरियर डी ए का आदेश मतदान तिथि पहले न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने 20 सीटो पर प्रथम चरण मतदान के बाद कर्मचारियो के रुख को देखते हुए 4% डीए देने घोषणा के लिए मजबूर हुए परंतु पेंशनरों को डीआर देने की बात को गोल कर गये है । विधान सभा चुनाव के आचार संहिता लागू पर भी कांग्रेस पार्टी शासित राज्य सरकार ने केन्द्र के बाद अक्टूबर माह में ही चुनाव आयोग से अनुमति लेकर तुरंत एरियर सहित डीए/डीआर देने आदेश जारी कर दिया और छ ग के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया परंतु छ ग सरकार ओभर कांफिडेंस में इसे नोटिस में नहीं लिया जिसका विपरीत प्रभाव प्रथम चरण में देखने के बाद मजबूर होकर सोशल मीडिया में ट्वीट कर मुख्यमंत्री ने हालत सुधारने की प्रयास किया है परंतु दूसरे चरण के मतदान तक आदेश का संभावना अभी भी धूमिल हैं और बाद में आदेश जारी होने पर चुनाव में लाभ नहीं होने वाला है।
जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के विभिन्न जिलों के पदाधिकारी क्रमश: वीरेन्द्र नामदेव,द्रोपदी यादव,जे पी मिश्रा,पूरनसिंह पटेल, अनिल गोल्हानी, बी एस दसमेर,बी के वर्मा,आर एन ताटी,दिनेश उपाध्याय, आर जी बोहरे,सी एम पांडेय,राकेश जैन,महेश पोद्दार,ओ पी भट्ट,बसंत गुप्ता,पिताम्बर पारकर,हेमंत टांकसाले,नागेश कापेवार,प्रवीण त्रिवेदी, डॉ पी आर धृतलहरे,एच एल नामदेव,के आर राजपूत,विनोद जैन, जे पी भारतीय,गायत्री गोस्वामी,अनूप डे, सी एल चंद्रवँशी, आई सी श्रीवास्तव, शैलेन्द्र कुमार सिंह,रामचंद्र नामदेव,शरद अग्रवाल,डॉ एस पी वैश्य,बी डी उपाध्याय,बी एल यादव,नरसिंग राम,आर के नारद, प्रदीप सोनी,सुरेश शर्मा,एस के चिलमवार,लोचन पांडेय,सुरेश मिश्रा,एस के एस श्रीवास्तव,आलोक पांडेय,तीरथ यादव, एस बी नायक , प्रभुदयाल पटवा,रमेशचन्द्र नन्दे,जगदीश सिंह,उर्मिला शुक्ला,कुंती राणा, वन्दना दत्ता,परसराम यदु,अनूप योगी,ओ डी उपाध्याय,बी एल गजपाल,एन के भटनागर, डी के त्रिपाठी, एम आर शास्त्री, मीता मुखर्जी, सोमेश्वर प्रसाद तिवारी,हरेंद्र चंद्राकर, इलियास मोहम्मद शेख, व्ही टी सत्यम, रैमन दास झाड़ी, मो. अय्यूब खान, रविशंकर शुक्ला, गुज्जा रमेश, सुरेश कुमार घाटोडे, लोकचंद जैन,नागेंद्र सिंह आदि ने डीए/डीआर देने में विलम्ब के लिए मुख्यमंत्री और अधिकारियों जम्मेदार ठहराते हुए एरियर सहित तुरंत 4% डीए /डीआर की आदेश जारी करने की मांग किया है।
