फिंगेश्वर विकासखंड में रोकी गई बाल विवाह

गरियाबंद। जिले के फिंगेश्वर विकासखंड अंतर्गत ग्राम जेंजरा में एक बाल विवाह होने की तैयारी चल रही थी। विगत 12 मार्च 2023 को जिला बाल संरक्षण इकाई (मबावि) व चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम की ओर से घटना स्थल पर पहुंच कर बालिका की आयु संबंधी दस्तावेज दाखिल खारिज के अनुसार बालिका की आयु सत्यापन किया गया। जिसमें उसकी आयु 17 वर्ष 08 माह होना पाया गया। बालिका का विवाह 13 मार्च 2023 को तय किया गया था। जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम के अधिकारियों ने बताया कि विवाह के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बालिका की आयु 18 वर्ष व लड़के की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य है। निर्धारित आयु से कम आयु में महिला/पुरूष का विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आते है। जिन्हें 02 वर्ष तक का कठोर कारावास व 01 लाख रुपए का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम की ओर से अग्रिम कार्यवाही करते हुए बालिका के माता-पिता व परिवार वालों व ग्रामीणजनों को समझाईश दिया कि बालिका की आयु 18 वर्ष पूर्ण होनेे पश्चात् ही विवाह करें। सभी लोग बाल विवाह रोकथाम टीम की समझाईश पर सहमति जताई। टीम की ओर से उपस्थित ग्रामीण जनों से आग्रह किया कि निर्धारित आयु सीमा के पश्चात् ही विवाह करें। जिससे बालक-बालिका के शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण, परिवार नियोजन आदि में बेहतर सुधार में योगदान दिया जा सके। अभियान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के निगरानी में आउटरीच वर्कर अजीत शुक्ला व चाईल्ड लाईन 1098 से टीम मेम्बर परियोजना समन्वयक पोखन ध्रुव व राजिम पुलिस शामिल थे।
