छठ महापर्व में किस बात का रखें ध्यान

छठ महापर्व ; हिन्दू धर्म पंचांग के अनुसार कल शुक्रवार से हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार छठ महापर्व शुरू हो जाएगा. यह त्यौहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह छठ पर्व जो सूर्य देव और छठी माता को समर्पित है। छठ पर्व 17 नवंबर शुक्रवार को नहाय खाय से शुरू हो रही है और 20 नवंबर को उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होगी । यह चार दिवसीय उत्सव रीति-रिवाजों और नियमों के अनुसार आयोजित किया जाता है। पूजा के दौरान महिलाएं निष्ठापूर्वक व्रत रखती हैं और अपने बच्चों और परिवार की भविष्य की सफलता के लिए प्रार्थना करती हैं। छठ महापर्व में शामिल होने से पहले नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

इस प्रकार व्रत किया जायेगा
शुक्रवार को होने वाली इस पूजा के पहले दिन नहाय-खाय मनाया जाता है. 18 नवंबर और 19 नवंबर को संध्या अर्ध्य दिया जाएगा. इसके बाद 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा. जो 20 नवंबर को मनाया जाएगा.
पूजा में किस बात का ध्यान रखना चाहिए?
यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दिन की शुरुआत स्नान से की जाती है और इसके लिए प्रसाद बनाते समय पवित्रता का ध्यान रखना जरूरी है। अशुद्ध हाथों से किसी भी वस्तु को न छुएं। इसके अलावा खरना के लिए प्रसाद बनाते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. प्रसाद बनाते समय पूजा स्थल को साफ करें और तैयारी से पहले गंगा जल छिड़कें। ऐसा करने से वह स्थान पवित्र हो जाता है जहां प्रसाद बनाया जाता है। आज ध्यान रखें कि पूजा में चांदी, स्टील, प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग न करें। इस दिन मिट्टी के चूल्हे और मिट्टी के बर्तन का प्रयोग करें। मिट्टी से बने चूल्हे और बर्तनों को शास्त्रों में पवित्र माना गया है। यह शुभता का प्रतीक भी है। जब आप यह व्रत कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि सूर्य देव को अर्ध्य देने से पहले कुछ भी न खाएं-पिएं। इस समय जमीन पर सोना और पूजा के चावल और सिंधव नमक का सेवन करना चाहिए। यदि व्रत करने वाली महिला पूरे नियमों का पालन करते हुए व्रत रखती है तो उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।