किसानों के बजाय 22 पूंजीपतियों का माफ किया कर्ज: कक्काजी

इंदौर: किसान और मजदूरों के हक की पैरवी करने ‘किसान मजदूर बचाओ’ यात्रा लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा (कक्काजी) को इंदौर पहुंचे.
पत्रकारों से चर्चा के दौरान कक्काजी ने कहा, किसान है, तो फसल है और फसल है, तो ही नस्ल बच सकेगी. किसानों के लिए बड़े वादे और दावे करने वाली सरकारों ने देश के किसानों का 4 लाख हजार करोड़ का कर्ज माफ नहीं किया, जबकि 22 पूंजीपतियों का 18 लाख हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया. कृषि क्षेत्र से 110 करोड़ लोग जुड़े हैं, मतलब 110 करोड़ को कृषि से रोजगार मिल रहा है. फसल बीमा योजना में भी किसानों से 90 हजार करोड़ रुपए प्रीमियम वसूल किया, जबकि फसल खराब होने पर किसानों को केवल 19 हजार करोड़ का भुगतान हुआ है. फसल बीमा योजना केवल कंपनियों के हित में है, किसानों के नहीं.

किसान यात्रा का उद्देश्य : कक्काजी ने कहा, हमने उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड की द्वितीय वर्षगांठ पर 3 अक्टूबर से ‘किसान मजदूर बचाओ यात्रा’ भोपाल से शुरू की. लखीमपुर खीरी में राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने 5 किसानों को जीप से कुचलकर मार डाला था. एसआइटी यूपी ने अजय मिश्रा को धारा 120 आइपीसी के तहत साजिश में शामिल होना बताया था. बावजूद वे अब भी मंत्री पद पर विराजमान हैं, बेटा बाहर है. किसानों को भी जेल में डाल दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया कि अपराधी को बेल दी जा सकती है, तो जो निर्दोश किसान हैं, उनको बेल देने में क्या हर्ज है. हमारे 750 किसान दिल्ली आंदोलन में शहीद हुए. 6 किसान मंदसौर गोली कांड में शहीद हुए. रायसेन जिले के गोलीकांड में सरकार ने मुझे एनकाउंटर करने की कोशिश की थी, जिसमें एक किसान प्रजापति शहीद हुआ. उन तमाम शहीदों के नाम पर एक 50 सीटर बस शहीद रथ में हम 50 यात्री यात्रा कर रहे हैं.