आप सरकार लोगों को देगी राहत, NOC पॉलिसी में करेगी बड़ा बदलाव

जालंधर। पंजाब सरकार आने वाले दिनों में लोगों को एक और बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। इसके तहत 2018 में जारी अवैध कालोनियों को रैगुलर करने और प्लाटों की एन.ओ.सी. जारी करने संबंधी पॉलिसी में बदलाव किया जा सकता है।गौरतलब है कि अवैध कालोनियों में प्लाट इत्यादि लेने वालों को रजिस्ट्री तथा अन्य कार्यों के लिए पंजाब सरकार ने एन.ओ.सी. अनिवार्य कर रखी है जिस कारण लोगों पर काफी आर्थिक बोझ पड़ रहा है। लोगों को दस मरले के प्लाट के लिए एक लाख से भी कहीं ज्यादा फीस एन.ओ.सी. के रूप में देनी पड़ रही है और हर साल इस फीस में वृद्धि भी होती जा रही है। इस कारण लोग काफी नाराज हैं। पंजाब सरकार ने अब सभी निगमों से 2018 की पॉलिसी के तहत जारी हुई एन.ओ.सी. का डाटा तलब किया है और इस मामले में आज 28 जनवरी को चंडीगढ़ में एक उच्च स्तरीय बैठक होने जा रही है जिसमें लोकल बॉडीज के डायरेक्टर और प्रिंसीपल सैक्रेटरी के अलावा सभी निगमों के कमिश्नर तथा अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। निगम के बिल्डिंग विभाग ने आज सरकार के निर्देशों पर एन.ओ.सी. से संबंधित सारा डाटा एकत्रित किया।
जालंधर निगम से प्लाट इत्यादि की एन.ओ.सी. लेना अत्यंत कठिन कार्य है और पिछले समय दौरान इसमें काफी भ्रष्टाचार होता रहा। एक समय तो ऐसा भी आया था जब एन.ओ.सी. जारी करने की पावर निगम कमिश्नर तक के पास हुआ करती थी। निगम के बिल्डिंग विभाग में पिछले समय दौरान रहे अधिकारियों ने तो जाली और फर्जी एन.ओ.सी. जारी करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। तब निगम के कर्मचारियों ने जाली एन.ओ.सी के साथ-साथ नकली क्लासिफिकेशन सर्टीफिकेट भी खूब जारी किए जिनकी शिकायत होने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। सूत्र बताते हैं कि ऐसे मामलों में जालंधर की तहसील के कुछ कर्मचारी भी निगम स्टाफ के साथ मिले हुए थे। ऐसे में निगम के राजस्व को काफी चूना लगा और इन नकली तथा फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल रजिस्ट्रियां करवाने में हुआ। पता चला है कि निगम और तहसील के कुछ कर्मचारी आज भी नकली क्लासिफिकेशन लैटर जारी करने के गोरखधंधे में लिप्त हैं।
