आटा गीला-दाल हुई पतली, आम आदमी के बजट की हवा निकली

उत्तरप्रदेश | त्योहारों से ठीक पहले महंगाई ने आम आदमी की जेब ढीली कर दी है. आटा-दाल, चावल और चीनी के साथ साबुन और सर्फ की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है. महीने के बजट में बढ़ोतरी से सामान्य परिवार की चिंता बढ़ गई है. सूत्रों के अनुसार दाम में बढ़ोतरी के पीछे अधिक मुनाफा कमाने के लिए हुई जमाखोरी को भी कारण बताया जा रहा है.
एक महीने में अरहर दाल की कीमत 50 रुपये तक बढ़ी है. 120-130 रुपये की अरहर दाल अब 175 रुपये पहुंच गई है. तो चीनी के दाम भी पांच से सात रुपये व आटा-मैदा-सूजी की कीमत चार रुपये तक बढ़ी है. यही तेजी बरकरार रही तो त्योहारी उत्साह पर पानी फिर सकता है. इन दिनों केवल सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत नहीं बढ़ने से कुछ राहत है. लगभग सभी जरूरी खाद्य पदार्थों में तेजी का रुख है. किराना व्यवसायी हिमांशु जायसवाल एवं प्रतीक साहू ने बताया कि कीमतों में वृद्धि एक माह के दौरान हुई है. इससे ग्राहकों के साथ बहस भी होती है. ग्राहक महंगाई का कारण हमसे जानना चाहते हैं जबकि रिटेलर तो थोक व्यापारियों से सामान लाता है. वहां से बढ़े मूल्य पर सामान मिलने पर हमें भी उसी के अनुसार ग्राहकों को देना पड़ता है.

डिप्टी आरएमओ को निर्देश दिया है कि गठित टीम के साथ महंगे खाद्य पदार्थों का सत्यापन करें. किसी भी प्रकार की जमाखोरी या तय से अधिक मूल्य का भुगतान कराया जा रहा है तो सम्बंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी.
जवाहर लाल श्रीवास्तव, एडीएम आपूर्ति
चीनी की आपूर्ति कम
चीनी के थोक व्यवसायी शशांक साहू ने कहा कि बाजार में चीनी की आपूर्ति कम हो रही है. मिल का कोटा कम आने से दाम बढ़े हैं. पश्चिम बंगाल, बिहार में चीनी की मांग बढ़ने से यूपी का कोटा भी कम हुआ है.
● आटा, मैदा, सूजी और चीनी के दाम में भी दिख रही है तेजी
● जमाखोरी करने से दाम में तेजी आने की है चर्चा
सामानों की कीमतें (रुपये/किलो)
वस्तु कीमत
वर्तमान एक माह पहले
अरहर दाल 170-175 120-130
चना दाल 90-100 60-65
चीनी 36-38 40-43
आटा 32-38 26-28
बेसन 72-75 92-94
सूजी 36-40 32-33
मैदा 40-50 32-33
मूंगफली 160 125
बासमती चावल 120 90
मखाना 800 600
जीरा (एक पाव) 175-200 80-95