बारामुंडा तिहरे हत्याकांड में 27 साल बाद तीन लोगों को उम्रकैद की सजा

भुवनेश्वर: 27 साल पहले बारामुंडा में हुए सनसनीखेज तिहरे हत्याकांड में शामिल होने के लिए शुक्रवार को भुवनेश्वर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) कोर्ट द्वितीय ने तीन लोगों को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने गवाहों के बयान के आधार पर तिहरे हत्याकांड में रुद्र, जीतू और चित्ता को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

कथित तौर पर पिछली दुश्मनी के कारण रुद्र, जीतू और चित्ता ने 11 जुलाई 1996 को विश्वजीत नायक, दिलीप रे और सारदा रथ की बेरहमी से हत्या कर दी थी। पुलिस ने सनसनीखेज हत्याकांड में उनकी भूमिका के लिए तीनों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मामले के चौथे आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी थी।