मौत के मलबे में जिंदगी की तलाश

हिमाचल | पिछले माह की 23 तारीख को हुए भूस्खलन में लापता बुआ-भतीजी का 12 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लग सका है। वहीं अब परिवार वालों ने हिंदू संस्कृति के अनुसार तेरहवीं (सोमवार) को अंतिम संस्कार की तैयारी पूरी कर ली है. बता दें कि सराजघाटी में यह पहली बार है कि बिना शव मिले ही अंतिम संस्कार की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने लगातार तीन दिनों तक उसे मलबे में ढूंढने की पूरी कोशिश की. जब उन्हें निराशा हाथ लगी तो उन्होंने सामूहिक निर्णय लिया और भतीजे-भतीजी दोनों के लिए काम करने का निर्णय लिया। हालांकि, पीड़ित परिवार के अनुरोध पर पिछले तीन-चार दिनों से स्थानीय प्रशासन द्वारा एक बार फिर नई रेस्क्यू टीम का गठन किया गया है. थाना प्रभारी जंजैहली रूप सिंह के नेतृत्व में बचाव दल ने भूस्खलन से मलबा हटाने के बाद अब साथ लगती खड्ड में तलाश शुरू कर दी है।
जिसमें पुलिस जवान, होम गार्ड जवान समेत स्थानीय लोगों को शामिल किया गया है. जो हर रोज दोनों लापता महिलाओं को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं. लगातार 12 दिनों से चल रहे सर्च अभियान के बाद भी लापता दोनों ताई-भतीजी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. 23 अगस्त को सराजघाटी की जैनशाला पंचायत में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के दौरान आए मलबे में 42 वर्षीय पूर्णु देवी और उनकी 17 वर्षीय भतीजी ममता लापता हो गईं।
