300 से अधिक कलाकारों ने भागीदारी उत्सव अवध में निकाली सांस्कृतिक यात्रा

लखनऊ: लोकनायक बिरसा मुण्डा की 148 जयंती पर शुरू जनजाति भागीदारी उत्सव में आदिवासी संस्कृति के विविध रूप देखने को मिले. संगीत नाटक अकादमी में सात दिवसीय भागीदारी उत्सव से पहले 1090 चौराहे से जनजाति सांस्कृतिक यात्रा निकाली गई.
जिसमें वाद्य यंत्रों संग पारम्परिक नृत्य करते हुए 300 से अधिक कलाकार अपनी लोक कलाओं का प्रदर्शन करते चल रहे थे. सांस्कृतिक यात्रा का समापन संगीत नाटक अकादमी परिसर में हुआ. सात दिवसीय उत्सव के उद्घाटन पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस को अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप देने का प्रयास किया जायेगा. जिससे भारत की आदिवासी संस्कृति का वैश्विक स्तर पर आदान-प्रदान हो और एक दूसरे की सांस्कृतिक परम्पराओं को साझा किया जा सके.
पारम्परिक लोकनृत्य बने खास आकर्षण

उत्सव में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, नागालैण्ड, उड़ीसा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार आदि के जनजाति कलाकार प्रदर्शन करने आए हैं. पहले दिन उड़ीसा के कलाकारों ने दलखाई नृत्य, राजस्थान का गरसिया नृत्य, मध्य प्रदेश के कलाकारों ने गदली नृत्य, पश्चिम बंगाल के कलाकारों ने कोरा नृत्य, से दिल जीता. उत्सव में राज्यों के 325 कलाकार शामिल हैं. उत्सव में जनजाति शिल्प कला के नमूनों को भी देखा जा सकता है. यहां उत्तर प्रदेश के मूज शिल्प, जलकुंभी से बने शिल्प उत्पाद, बनारसी साड़ी आदि ध्यान खींच रहे हैं.