आतंकवाद भारत और इजराइल दोनों देशों के लिए चिंता का विषय, साझी रणनीति से दुनिया को मिलेगी नई दिशा- लोकसभा अध्यक्ष

नई दिल्ली (आईएएनएस)| लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आतंकवाद को भारत और इजराइल दोनों देशों के लिए चिंता का विषय बताते हुए कहा है कि दोनों देशों की साझी रणनीति आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दुनिया को नई दिशा देगी।
उपराष्ट्रपति एवं राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के संयुक्त निमंत्रण पर इजराइल के नेसेट (संसद) के स्पीकर, आमिर ओहाना के नेतृत्व में भारत आए इजरायली संसदीय शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए बिरला ने कहा कि इजराइल और भारत के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। भारत और इजराइल, दोनों की मजबूत लोकतांत्रिक विरासत रही है और साथी लोकतंत्र के रूप में दोनों देशों में कई समानताएं हैं, जिसमें विविध संस्कृतियों का सम्मान करना, लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करना और लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुसार काम करना शामिल है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बदलते वैश्विक परि²श्य में भारत और इजराइल के बीच संबंध और अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं।
आतंकवाद के बढ़ते संकट के बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि आतंकवाद भारत और इजराइल, दोनों ही देशों के लिए चिंता का विषय है। भारत और इजराइल जैसे लोकतांत्रिक देशों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ाना चाहिए । उन्होंने यह भी कहा कि भारत और इजराइल की साझी रणनीति आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दुनिया को नई दिशा देगी।
भारत में बसे यहूदी समुदाय का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि भारत ने हमेशा यहूदियों का समर्थन किया है और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यहूदियों ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
दोनों देशों की संसदों के बीच मजबूत संसदीय संबंधों का उल्लेख करते हुए बिरला ने नेसेट में भारत के लिए एक संसदीय मैत्री समूह के गठन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों संसदों को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम करना चाहिए और सामूहिक चर्चा और संवाद के आधार पर एक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि दोनों संसदों को वैश्विक चुनौतियों से निपटने और विभिन्न स्थितियों में परस्पर लाभकारी परिणाम सुनिश्चित करने के लिए अपने अनुभवों, सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकी को साझा करना चाहिए।
दोनों देशों के बीच वर्षों से नियमित रूप से उच्च स्तरीय यात्राएं जारी रहने का जिक्र करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा और उसके बाद 2018 में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा के बाद से भारत-इजराइल संबंध और मजबूत हुए हैं।
इजरायली युवाओं के लिए एक पर्यटन स्थल के रूप में भारत की लोकप्रियता के बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि दोनों देशों के बीच अधिक यात्रा और पर्यटन हो और इजरायल से अधिक से अधिक लोग भारत आएं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दशकों में भारत-इजरायल मित्रता आपसी सहयोग के नए कीर्तिमान स्थापित करती रहेगी।
इस अवसर पर बोलते हुए इजराइल के संसद के स्पीकर आमिर ओहाना ने कहा कि भारत और इजराइल दोनों पुरानी सभ्यताएं हैं और समय के साथ दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं। उन्होंने भारत में हो रही प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सभी क्षेत्रों में असाधारण गति से आगे बढ़ रहा है और उन्हें उम्मीद है कि भारत और इजराइल के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे और दोनों देश मिलकर वैश्विक चुनौतियों से निपटेंगे। इस अवसर पर दोनों देशों की संसदों के बीच सहयोग बढ़ाए जाने के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए। इजरायली संसदीय शिष्टमंडल के सदस्यों ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धासुमन भी अर्पित किए।
आपको बता दें कि, यह इजरायली संसदीय शिष्टमंडल 31 मार्च से 4 अप्रैल 2023 तक भारत की यात्रा पर आया हुआ है। इस संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे इजराइल के नेसेट (संसद) के स्पीकर आमिर ओहाना द्वारा पदभार ग्रहण किए जाने के बाद स्पीकर के रूप में उनकी यह पहली विदेश यात्रा है।
