इस साल मानसून अच्छा रहेगा क्योंकि होली की हवा उत्तर-पश्चिमी है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। होली गर्मियों की शुरुआत का त्योहार है और अधिमानतः वसंत विषुव के करीब का त्योहार है। अर्थात वायुचक्र को ग्रीष्म चरण से देखा जाता है, जो वसंत विषुव के सबसे निकट का पर्व है। इस बार गांधीनगर के पालज स्थान पर बड़ी होली जलाई गई। होली की हवा देखकर हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही थी। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते इस बार मॉनसून आमतौर पर अच्छा रहेगा। बेशक बारिश आंधी के साथ आती है। इस वर्ष बंगाल की खाड़ी, अरब सागर में तूफान, चक्रवात और चक्रवात का अनुपात रहेगा। अंबालाल दा. पटेल ने कहा है कि चूंकि आंधी के कारण अचानक बारिश होती है, तेज बारिश के बाद थोड़ा गैप रहता है.

ऐसे में कमजोर पानी देना चाहिए। लेकिन कुल मिलाकर मानसून अच्छा रहने की संभावना है। अब देखना होगा अखत्रिय की भोर की हवा। आषाढ़ सूद पूनम की हवा तो देखनी है। वायु चक्र के लिए पवन मनाया जाता है।
दूसरी बात यह है कि इस बार होली जलाते समय निर्घात यानि हवा का झोंका, हवा का झोंका, बिजली चमकना, शाम के समय यह मुहूर्त अच्छा नहीं माना जाता है। इस बार यह पलाज में हुआ।
बारिश की फुहारें और तेज हवा चल रही थी। कौन सा चिन्ह मेदानी पर जनरेटिव और कुछ हद तक खंडित होता है। लेकिन इस बार गर्मी ज्यादा है, हवा सूखे को नहीं भड़का रही है। साथ ही हवा की लहर सीधी ऊपर नहीं गई है, इसलिए यह शासकों के लिए अशुभ नहीं है। लेकिन शाम को चली हवाएं, बिजली गिरना, ये संकेत किसी न किसी तरह की परेशानी का संकेत देते हैं। इसके अलावा मार्च के इस महीने में कभी-कभी मौसम में उलटफेर भी होने वाला है। इसलिए बिजली गिरने के दौरान किसानों और लोगों को सावधान रहना चाहिए।