मुंबई में प्रवासियों ने मनाया जालोर महोत्सव, सितोलिया खेला और गुब्बारे उड़ाकर किया आगाज

जालोर। जालोर विकास समिति एवं पर्यटन विभाग के आह्वान पर मुंबई में पहली बार जालोर महोत्सव मनाया गया। पारंपरिक खेल सितोलिया खेलने के लिए सैकड़ों प्रवासी गिरगांव चौपाटी पर एकत्र हुए और आकाश में गुब्बारे छोड़ कर त्योहार का शुभारंभ किया। कई दशकों बाद इस आयोजन के बहाने बचपन में खेले गए सितौलिया की याद में प्रवासी लोग खुशी से झूम उठे। प्रवासियों ने जय जालौर जय जालोर के नारे लगाकर माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के संयोजक कन्हैयालाल खंडेलवाल ने महाराष्ट्र जैसे राज्य में प्रवासी द्वारा जालोर के सांस्कृतिक इतिहास और विरासत को बनाए रखने और मातृभूमि का सम्मान करने की कवायद की सराहना की।
कहा कि अगले वर्ष इसे व्यापक और संगठित स्तर पर मनाया जाएगा। सह संयोजक नरेंद्र भंडारी ने प्रवासियों का स्वागत करते हुए उन्हें सितोलिया के कायदे कानून की जानकारी दी और दो टीम बनाकर मैच की शुरुआत की। समाजसेवी प्रकाश कानूनगो ने इस आयोजन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। धुक सिंह करोला, सुरेंद्र मेहता, नरसीराम चौधरी, अमृत डी सांघवी, अखाराम चौधरी, सुरेश भंसाली आदि ने भी विचार व्यक्त किए। महेंद्र शाह, अशोक ओझा, शांतिलाल वनिगोटा, देवराज मेहता, कांतिलाल जैन, नागरम पुरोहित, मोडसिंग चौहान, हरसन राम प्रजापत, जेठाराम चौधरी, कमलेश कुमार, रमेश कटारिया, कल्पेश सालेचा, दिनेश कुमार जैन, अरविंद वाणी गोटा, हेमराज पुरोहित, एक बड़े सुरेश कुमार पी जैन, खेमराज पुरोहित, मोतीलाल जैन, गौतम चंद सांघवी समेत बड़ी संख्या में प्रवासी मौजूद थे।
