उत्तर प्रदेश में विकास, कानून एवं व्यवस्था की समीक्षा हेतु नये दिशा-निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 68 जिलों में अब विकास और कानून-व्यवस्था की अलग-अलग समीक्षा की जाएगी और इसके लिए दिशानिर्देश तय किए गए हैं. सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, राज्य में विभिन्न स्तरों पर कानून व्यवस्था और विकास कार्यों का मूल्यांकन, निगरानी और समीक्षा की जाएगी. मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर सरकारी विभागों और कानून व्यवस्था के विभिन्न स्तरों के अधिकारियों के विकास कार्यों की समीक्षा की जाएगी. खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की पहचान कर उनके काम में सुधार किया जायेगा. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी किये हैं. सरकार के आदेश के बाद 68 जिलों में जिलाधिकारी कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. वहीं बाकी सात जिलों लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा, नोएडा, प्रयागराज और गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर प्रणाली के तहत कानून-व्यवस्था की समीक्षा पुलिस कमिश्नर करेंगे. मंडल स्तर पर कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा अब अलग-अलग होगी। जिला स्तरीय समीक्षा बैठक के एक सप्ताह के भीतर प्रमंडल स्तरीय बैठक आयोजित करनी होगी. विकास कार्यों की समीक्षा बैठक मंडलायुक्त की अध्यक्षता में होगी। जिन प्रमंडलीय मुख्यालयों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू नहीं है, वहां भी प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में कानून-व्यवस्था की बैठक होगी. बैठक में पुलिस महानिरीक्षक, उपमहानिरीक्षक और मंडल स्थित जिलों के पुलिस कप्तान मौजूद रहेंगे. राजस्व एवं विकास कार्यों के लिए अपर आयुक्त को मण्डल में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
कानून एवं व्यवस्था हेतु मण्डल में पुलिस उप महानिरीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिला स्तर पर विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा अलग-अलग होगी. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा की जायेगी. प्रत्येक माह सीएम डैशबोर्ड की रैंकिंग प्रकाशित होने के एक सप्ताह के अंदर बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. जनपद स्तर पर विकास कार्यों की समीक्षा हेतु मुख्य विकास अधिकारी को सीएम डैशबोर्ड का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। लखनऊ, वाराणसी, कानपुर समेत जिन जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है, वहां पुलिस कमिश्नर के कामकाज की समीक्षा प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी द्वारा की जाएगी। वहां की कानून-व्यवस्था की समीक्षा भी हर माह प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक द्वारा की जायेगी. सीएम डैशबोर्ड पर विभिन्न विभागों की सेवाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर हर माह की 15 तारीख को रैंकिंग जारी की जाएगी. परफॉर्मेंस इंडेक्स, डेटा क्वालिटी इंडेक्स और फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स पर किए गए काम को रैंकिंग का आधार बनाया जाएगा.


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