देवालय रवाना हुए देवता आदिब्रम्हा

कुल्लू। खोखन के देवता आदिब्रम्हा दशहरा उत्सव संपन्न होने के बाद आज अपने देवालय रोहलगी के लिए रवाना हो गए। अपने अस्थायी शिविर से पूरे लाव लश्कर के साथ ढोल नगाड़ों की थाप के साथ ढालपुर से देवालय की ओर चल पड़े। बंजार घाटी की पंचालिका माता, जमलू पीज, ब्राधी वीर, महावीर बुआई, गौहरी खोखन, गौहरी वीरनाथ जनाहल, अजय पाल पीज, देवता खुडिजल चेहनी, देवता गणपत्ति घुड़दौड़, माता रूपासना धारला, देवता कालीनाग मतेउडा सहित 20 के आसपास देवता आज अठारह करडू की सौह से रवाना हो गए।

अधिकतर देवी-देवता लंका दहन से पहले और लंका दहन के बाद ही अपने अपने देवालय के लिए रवाना हुए हैं, लेकिन 20 के करीब देवी-देवता लंका दहन के बाद भी यहीं विराजमान थे। आज यह देवी देवता भी देवालय रवाना हो गए हैं। अब देवी-देवता अगले साल ढालपुर आएंगे। दशहरा उत्सव के बाद भक्त देवी देवताओं को अपने घर बुलावे पर जा रहे हैं।