स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंची शिकायत, शासन से लिखित अनुमति नहीं होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने साधा मौन

राजनांदगांव। प्रदेश के किसी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल परिसर में व्यवसायिक रुप से मेडिकल स्टोर्स का संचालन नहीं किया जा सकता। ऐसा करने की आज तक किसी को अनुमति भी नहीं मिली। लेकिन राजनांदगांव के पेंड्री स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन में शासन की बगैर लिखित अनुमति धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स खोलने की तैयारी की जा रही है। मामले की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव तक जा पहुंची है। सवाल यह है कि जब शासन से लिखित अनुमति नहीं है तो धनवंतरी जेनेरिक दवा दुकान खोलने तैयारी कैसे चल रही है। प्रबंधन के सामने यह सब होने के बाद भी अफसरों ने मौन साध रखा है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल बिल्डिंग के भीतर ओपीडी पर्ची काउंटर के पास धनवंतरी दवा दुकान खोलने के लिए बकायदा चेंबर और काउंटर बना लिया गया है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस पर अब तक रोक-टोक नहीं की गई। इसे अस्पताल प्रबंधन की मनमानी कहें या अनदेखी लेकिन यहां बेखौफ ढंग से शासन की बगैर अनुमति जनवंतरी जेनिरिक दवा दुकान खोली जा रही है। धनवंतरी मेडिकल स्टोर्स के लिए निगम की ओर से टेंडर बुलाया जाता है। निजी फर्म को किराए की बिल्डिंग या फिर खुद की जगह पर इसका संचालन करना होता है। यहां अस्पताल प्रबंधन के सामने बिना परमिशन दुकान खोलने की तैयारी है। सरकारी अस्पतालों में नि: शुल्क दवा को बढ़ावा दिया जाता है। यहां मरीजों को जेनेरिक दवा खरीदने मजबूर किया जाएगा। पहले से सरकारी दवा नि: शुल्क उपलब्ध है जो दवा नहीं है उसका प्रबंध करें न कि उसे धनवंतरी दवा दुकान से खरीदने मजबूर करना चाहिए। सरकारी दवा की अनुपलब्धता बता कर मरीजों को धनवंतरी दवा दुकान से खरीदी करने मजबूर किया जाएगा।
डिप्टी सीएम से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
डिप्टी सीएम एवं एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मामले की शिकायत करने के बाद भी एमसीएच प्रबंधन ने दवा दुकान के निर्माण पर रोक नहीं लगाई। इससे एमसीएच प्रबंधन के अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़ा होता है। नियम से मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन में किसी निजी संस्था, फर्म या प्रक्रिया के तहत टेंडर मिलने के बाद भी किसी को यहां दुकान चलाने जगह नहीं दी जाती है। यहां धनवंतरी दवा दुकान खोलने शासन से लिखित अनुमति नहीं मिली फिर भी दवा दुकान खुल रही है।
अस्पताल प्रबंधन के अफसरों की भूमिका पर सवाल
जानकारी अनुसार निगम की ओर से यह दुकान खुलवाई जा रही है। निगम की ओर से पहले भी एमसीएच परिसर में कैंटीन संचालन के नाम पर एक बड़ी बिल्डिंग को हथिया लिया गया है। एक बार फिर अस्पताल परिसर में कब्जा जमाने की तैयारी चल रही है। शिकायतकर्ता जोगेश कुमार साहू ने अस्पताल प्रबंधन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। यहां सीजीएमएसी द्वारा सप्लाई की जाने वाली दवा निःशुल्क दी जाती हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र संचालित है फिर प्राइवेट फर्म द्वारा दुकान किस आधार पर खोली जा रही है।
वार्डो का विस्तार करने जगह रखी जाएगी सुरक्षित
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. प्रदीप बेक का कहना है कि इस संबंध में डीन से चर्चा की जाएगी। उक्त संस्था के साथ अभी कोई एमओयू नहीं हुआ है। सूचना है कि निगम की ओर से मेडिकल स्टोर्स खुलवाया जा रहा है। लेकिन शासन की लिखित अनुमति या नहीं इसकी भी जांच की जाएगी। अस्पताल के भीतर खाली जगह को मरीज और परिजनों को सुविधा देने, मेडिकल सुविधाओं एवं वार्डो का विस्तार करने सुरक्षित रखा जाता है। अस्पताल भवन के भीतर किसी तरह की दुकानें नहीं खोली जा सकती है।
मरीजों पर जेनेरिक दवा खरीदने डाला जाएगा दबाव
निगम आयुक्त को शिकायत कर धनवंतरी दवा दुकान के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। शिकायतकर्ता जोगेश साहू ने बताया एमसीएच में नि: शुल्क दवा देने इमरजेंसी में लोकल परचेस निविदा की गई। मरीजों को नि: शुल्क दवा मिलती है। अब धनवंतरी जेनेरिक दवा दुकान से दवा खरीदने दबाव डाला जाएगा। एक मरीज तुलेश्वर जंघेल ने बताया जो दवा उन्हें यहां पहले से संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र में केवल 45 रुपए में मिल गई उसी दवा की कीमत धनवंतरी दवा दुकान में 163 रुपए बताई गई।
