पिछले 9 वर्षों में देश के इनलैंड फ़िशरीज़ सेक्टर में तीन गुना वृद्धि

अहमदाबाद। केन्द्रीय मत्स्योद्योग, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को अहमदाबाद के गुजरात साइंस सिटी में ‘वर्ल्ड फ़िशरीज़ डे’ के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय ‘ग्लोबल फ़िशरीज़ कॉन्फ़्रेंस इंडिया 2023’ का उद्घाटन किया। कॉन्फ़्रेंस में केन्द्रीय मत्स्योद्योग राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालयान व डॉ. एल. मुरुगन तथा राज्य के कृषि एवं मत्स्योद्योग मंत्री राघवजी पटेल भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर उपस्थित महानुभावों ने एग्ज़ीबिशन पैवेलियन का भी उद्घाटन किया। इस ग्लोबल कॉन्फ़्रेंस के उद्घाटन अवसर पर केन्द्रीय मत्स्योद्योग मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कहा कि समुद्र तट और मत्स्योद्योग क्षेत्र में विकास की सर्वाधिक संभावनाओं वाले गुजरात राज्य में पहली बार इस प्रकार की ग्लोबल कॉन्फ़्रेंस का आयोजन होना हमारा सौभाग्य है। देश में मत्स्योद्योग क्षेत्र में विकास को वेगवान बनाने के उद्देश्य के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार पृथक मत्स्योद्योग विभाग शुरू कराया था। उन्होंने कहा कि आज विश्व में फ़िश प्रोडक्शन में हमारा देश तीसरे स्थान पर है।

ग्लोबल फ़िशरीज़ कॉन्फ़्रेंस इंडिया 2023 की विभिन्न परियोजाओं की चर्चा करते हुए रूपाला ने कहा कि यह विशिष्ट कॉन्फ़्रेंस मत्स्योद्योग से जुड़े उद्योग-व्यवसायियों, मछुआरों, एक्सपोर्ट्स, प्रोसेसर्स, पॉलिसी मेकर्स, लॉजिस्टिक क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को एक विशिष्ट प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करेगी और सभी को एक मंच पर लाएगी। इस दो दिवसीय ग्लोबल कॉन्फ़्रेंस में इंटरनेशनल डेलीगेट्स सहित इस क्षेत्र से जुड़े विभिन्न स्टेक होल्डर्स अनेक विविधतापूर्ण सेमिनार्स, डिस्कशन, कॉन्फ़्रेंस तथा डेलीबरेशन में सहभागी होंगे और मत्स्योद्योग के प्रति वैश्विक चुनौतियों के विषय में सकारात्मक विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने बताया कि आज गुजरात ने घोल मछली को अपनी स्टेट फ़िश घोषित किया है। देशभर में विभिन्न राज्यों ने हाल के समय में अपनी स्टेट फ़िश घोषित की हैं, जो सिद्ध करता है कि इस सेक्टर में देशभर में रुचि बढ़ी है। पिछले 9 वर्षों में देश के इनलैंड फ़िशरीज़ सेक्टर में तीन गुना वृद्धि हुई है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इशरो द्वारा निर्मित ट्रांसपॉण्डर्स समुद्री मछुआरों को समुद्र में लोकेशन खोजने तथा फ़िशकैच एरियास (अधिक मछली वाले क्षेत्रों) की पहचान करने में महत्वूपूर्ण सिद्ध होंगे, जो उनका महत्वपूर्ण समय बचाएंगे। इसके अलावा, समुद्री मछुवारे इन ट्रांसपॉण्डर्स की सहायता से अपने परिजनों, कोस्ट गार्ड तथा विभिन्न ऑथोरिटीज़ के भी संपर्क में रह सकेंगे।