
औरैया। औरैया में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम अतीक उद्दीन ने थाना बिधूना क्षेत्र से 11 साल पुराने अपहरण और रेप केस में मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। मामले नाबालिग किशोरी से जुड़ा था। साक्ष्य और गवाहों के आधार पर गौरव मिश्रा को दोषी पाया गया था। अब उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया गया है। इसके साथ ही 56 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी कर रहे डीजीसी अभिषेक मिश्रा और एडीजीसी मुकेश पोरवाल के अनुसार थाना बिधूना में पीड़िता की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी 15 वर्षीय बेटी 6 जुलाई 2012 की शाम को गायब हो गई।

कई दिन तक वह नहीं मिली तो बिधूना कोतवाली में गुमशुदगी की सूचना दी गई। बाद में वादिनी के पास पीड़िता को वापस देने को लेकर फिरौती व अन्य मांगों के फोन आने शुरू हो गए। इसके आधार पर पुलिस मुख्य आरोपी गौरव मिश्रा निवासी नई बस्ती बिधूना तक पहुंची व उसके विरूद्ध अपहरण व दुष्कर्म के मामले में आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। इस मुकदमे का निर्णय मंगलवार को ए.डी.जे. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने किया। अभियोजन की ओर से एडीजीसी मुकेश पोरवाल ने दोषी को कठोर दण्ड देने की बहश की। वहीं बचाव पक्ष ने उसे निर्दोष बताया। दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद एडीजे अतीक उद्दीन ने अपहरण व दुष्कर्म के दोषी गौरव मिश्रा को कुल 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई तथा उस पर 56 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। कोर्ट ने पीड़िता को वसूल किए गये अर्थदण्ड की आधी धनराशि देने का आदेश दिया। सजा पाये गौरव को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया।