शुक्र ग्रह पर कभी पृथ्वी जैसे गुण होने की पुष्टि, नए शोध में सामने आया नया संकट

शुक्र ग्रह पर जीवन की भविष्यवाणी बिल्कुल नहीं है। यहां की स्थितियाँ उनके जीवन से बिल्कुल विपरीत हैं जिन्हें हम जानते हैं। यहां समुद्र तट से तापमान तक बहुत अधिक रहता है। यहां का वातावरण सल्फ्यूरिक एसिड के क्लाइमेट से भरा हुआ है, जिससे इंसानों के लिए चंद्रमा की तरह यहां तक स्थिर होना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से पृथ्वी पर लोगों की रुचि मंगल ग्रह की तरह यहां मिशन मिशन में कम होगी, लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि शुक्र अपनी युवावस्था में पृथ्वी जैसी ही थी और संभव है कि यहां किसी भी रूप में जीवन मौजूद हो। ।। हाँ।

प्लेट टेक्टोनिक्स की संभावना
नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि आपके जीवन के शुरुआती दिनों में शुक्र में पृथ्वी जैसी कई विशेषताएं थीं, जिनमें प्यू टेक्टोन जैसे महत्वपूर्ण गुण शामिल थे। प्लेट टेटोनिक्स को पृथ्वी के महत्वपूर्ण पदों में से एक माना और कहा जाता है कि यह जीवन के कई पदों को बनाए रखने में भी भूमिका निभाता है।
प्लेट टेक्टोनिक्स एक समय सक्रिय था
ह्यूस्टन में लूनर एंड प्लैनेटरी इंस्टीट्यूट के ग्रह वैज्ञानिक मैथ्यू बी. वेलर के नेतृत्व में किए गए शोध से संकेत मिलता है कि पृथ्वी और शुक्र दोनों ने एक ही अवधि के दौरान प्लेट टेक्टोनिक्स का अनुभव किया था। यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात है क्योंकि अगर यह सच है तो इसका मतलब यह है कि अगर शुक्र ग्रह पर भी कभी पृथ्वी जैसा जीवन होता तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
एक बड़ा सवाल का जवाब
इस अध्ययन में लेक्चरर मीडिया ने बताया है कि प्लेट टेक्टोनिक्स से जुड़े भूवैज्ञानिक वैज्ञानिकों में कार्बन डाइऑक्साइड के अवशेष हो सकते हैं, जिससे आज शुक्र ग्रह के बेहद खतरनाक अवशेष बने हैं। इस प्रश्न की जांच जारी रखने से इस बात में मदद मिल सकती है कि पृथ्वी का भविष्य कभी शुक्र ग्रह के अनुसार हो सकता है।
कई खुलेंगी
डॉ. वालर का कहना है कि यह जानकारी अरबों साल पहले की कई संपत्तियों को शामिल करने में मदद कर सकती है। इस प्रश्न की जांच में यह भी सहायक हो सकता है कि शुक्र ग्रह पर जीवन कैसा था। प्लेट टेक्टोनिक्स के स्पष्ट विवरण से पता चलता है कि शुक्र एक ठंडा ग्रह होगा और यहां तरल पानी की संभावना अधिक रहेगी।
किसी विशेष गैस का अध्ययन
यह सब बताता है कि शुक्र ग्रह पर जीवन कैसा रहेगा। इसकी संभावना प्रबल है. इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने शुक्र के विध्वंस की संरचना पर ध्यान केंद्रित किया। पृथ्वी और शुक्र जैसे चट्टानी ग्रहों के निर्माण के दौरान उनके खनिजों का पता लगाया जाता है।
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