जमीन के स्वामित्व को लेकर दो पक्षों में विवाद व तनाव की स्थिति

टोंक। टोंकटोडा-बीसलपुर मार्ग स्थित थड़ोली में सडक़ किनारे की भूमि पर आधिपत्य को लेकर दो पक्षों के लोगों के बीच तनाव हो गया। इसके बाद उपखण्ड प्रशासन को परस्पर पर ज्ञापन सौंपा तथा थाने में दर्ज मुकदमों पर कार्रवाई की मांग की। उल्लेखनीय है कि टोडा-बीसलपुर मार्ग पर पहाड़ी तलहटी में स्थित थड़ोली गांव में सडक़ किनारे भूमि पर आधिपत्य को लेकर गत दिनों से दो पक्षों के लोगों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। लड़ाई-झगड़े के बाद टोडारायसिंह थाने में परस्पर मामला दर्ज हुए है। उक्त मामले में बुधवार को एक पक्ष के एकत्र लोगों ने अखिल भारतीय रैगर महासभा टोंक के पूर्व जिलाध्यक्ष हरिराम परसोया की अगुवाई में एसडीएम नेहा मिश्रा को ज्ञापन सौंपा।
इसमें बताया कि ग्राम थडोली में सडक़ किनारे विधायक मद से सार्वजनिक प्रतीक्षालय का निर्माण करवाया गया था, जिसके नजदीक रैगर समाज ने तीन दशक पहले सार्वजनिक धर्मशाला के लिए पत्थर व पट्टी कातले समाज की ओर से डाले गए थे। इधर, पांच वर्ष पूर्व थड़ोली निवासी गुर्जर समाज के एक व्यक्ति ने पारिवारिक समस्या बताते हुए तत्कालीन सरपंच बद्रीलाल बाकोलिया से अनुमति लेकर चाय की केबिन लगाई थी। उक्त व्यक्ति ने गत सप्ताह अतिक्रमण करने की नीयत से रात्रि में नई केबिन रख दी। जब लोग उससे धर्मशाला निर्माण कार्य चालू करने की बात कहकर केबिन हटाने की बात कही तो उसके परिजन जाति सूचक शब्दों से अपानित करते हुए लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो गए।
उक्त मामला में टोडारायसिंह थाने में दर्ज करवाया गया, जिस पर प्रभावी कार्रवाई की मांग की। इधर, दूसरे पक्ष के आशाराम, प्रधान समेत अन्य लोगों ने उपखण्ड प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में बताया कि आशाराम पिछले करीब 10-12 वर्षों से थडोली बस स्टैण्ड पर चाय की दुकान करता चला आ रहा है। उक्त स्थल से बेदखल करने की नियत से रैगर समाज के कुछ लोग एक राय होकर केबिन के पास तोडफ़ोड़ कर दी। साथ ही आशाराम व उसके पिता गोपाल गुर्जर के साथ मारपीट की। उक्त मामला टोडारायसिंह थाने दर्ज करवाया गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने दर्ज रिपोर्ट पर प्रभावी कार्रवाई की मांग की।
