सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी ने दायर किया हलफनामा, माफी मांगी

नई दिल्ली | मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले अपना जवाब दाखिल कर दिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि अपील सेशन कोर्ट में लंबित है जिसमें सफलता की संभावना है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट को सजा पर रोक लगानी चाहिए. राहुल गांधी ने भी जवाब दिया है कि माफी न मांगने पर उन्हें अहंकारी कहना गलत है.
मोदी सरनेम मामले में अब तक क्या हुआ?
मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई है. इसके चलते राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी चली गई है. राहुल गांधी ने सजा रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जहां से उन्हें राहत नहीं मिली. हाई कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि निचली अदालत ने नियम और कानून के आधार पर सजा सुनाई है. अब राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं, जहां मामले की सुनवाई होनी है.
राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया
बुधवार यानी 2 अगस्त को राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में जो जवाब दाखिल किया है, उसमें उन्होंने कहा है कि पूर्णेश मोदी ने उनका बयान सीधे तौर पर नहीं सुना था. मेरे मामले को अपवाद मानकर राहत दी जाए। राहुल ने कहा कि मानहानि मामले में अधिकतम सजा होने के कारण संसद सदस्यता चली गई है. पूर्णेश मोदी स्वयं मूल रूप से मोदी समुदाय से नहीं हैं। उन्हें पहले किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है. माफी न मांगने पर उन्हें अहंकारी कहना गलत है.
जिस बयान पर राहुल गांधी को सजा दी गई
जानकारी के लिए बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने 13 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार में रैली की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था, “इन चोरों का नाम मोदी कैसे है? नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी। अगर आप खोजेंगे तो आपको कई और मोदी मिलेंगे।” इस बयान के चलते बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है. इस मामले में राहुल को सजा हो चुकी है. इस मामले में बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इस मामले में फैसला आना अभी बाकी है.
