उत्तराखंड में 18 हजार लोगों ने टीबी को मात दी : डॉ. धन सिंह रावत


�
अल्मोड़ा (आईएएनएस)। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने बुधवार को कहा कि टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है, जिसका असर धरातल पर नजर आने लगा है। टीबी रोगियों की सेवा के लिए प्रदेश में हजारों लोगों ने निःक्षय मित्र बनकर अपनी जिम्मेदारी भागीदारी निभाई है। इनकी मदद से सूबे में 18 हजार से अधिक लोग टीबी को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं।
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्य में अब तक 9,630 लोगों ने निःक्षय मित्र के तौर पर अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को साल 2024 तक टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है, जिसमें निःक्षय मित्र चिन्हित टीबी रोगियों को गोद लेकर टीबी मुक्त अभियान में अपनी अहम भूमिक निभा रहे हैं, जिसमें हरिद्वार जनपद में सर्वाधिक 2148 निःक्षय मित्र पंजीकृत हैं।
उन्होंने बताया कि ऊधमसिंह नगर में 2173, नैनीताल 1288, देहरादून 1470, अल्मोड़ा 497, पौड़ी गढ़वाल 467, टिहरी 387, पिथौरागढ़ 245, रूद्रप्रयाग 221, चमोली 205, उत्तरकाशी 197, चम्पावत 179 तथा बागेश्वर में 153 निःक्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है।
डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में अब तक 15070 टीबी मरीजों का चिन्हिकरण किया जा चुका है, जिसमें से 10521 मरीजों ने नि-क्षय मित्रों से सामुदायिक सहयोग के लिए अपनी हामी भरी है। जबकि प्रदेश में 9814 रोगी निःक्षय मित्रों के सहयोग से लाभान्वित हो रहे हैं, जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 313, बागेश्वर 99, चमोली 146, चम्पावत 148, देहरादून 1508, पौडी गढ़वाल 223, हरिद्वार 3375, नैनीताल 984, पिथौरागढ़ 245, रूद्रप्रयाग 161, टिहरी गढ़वाल 264, ऊधम सिंह नगर 2109 तथा उत्तरकाशी में 239 शामिल हैं।
डॉ.रावत ने बताया कि टीबी उन्मूलन की ओर सकारात्मक अग्रसर होने के दृष्टिगत भारत सरकार ने राज्य के सात जनपदों का चयन सर्टिफिकेशन प्रक्रिया के लिए किया। इनमें से देहरादून जनपद को स्वर्ण, जबकि चम्पावत, पौड़ी व टिहरी गढ़वाल को कास्य पदक दिए गए, जो टीबी उन्मूलन की दिशा में प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित क्षय रोग उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेशभर में टीबी रोगियों का लगातार चिन्हीकरण किया जा रहा है। विभाग द्वारा रोगियों को दिए जा रहे बेहतर उपचार व सामुदायिक सहयोग का नतीजा है कि राज्य में 18 हजार 785 लोगों ने टीबी को मात दे दी है, जोकि विभाग के लिये बड़ी उपलब्धि है। टीबी रोग से अब तक अल्मोड़ा जनपद में 723, बागेश्वर में 246, चमोली 875, चम्पावत 489, देहरादून 2424, पौड़ी गढ़वाल 417, हरिद्वार 5613, नैनीताल 2543, पिथौरागढ़ 609, रूद्रप्रयाग 507, टिहरी 729, ऊधमसिंहनगर 3133 तथा उत्तरकाशी में 477 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
�
अल्मोड़ा (आईएएनएस)। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने बुधवार को कहा कि टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है, जिसका असर धरातल पर नजर आने लगा है। टीबी रोगियों की सेवा के लिए प्रदेश में हजारों लोगों ने निःक्षय मित्र बनकर अपनी जिम्मेदारी भागीदारी निभाई है। इनकी मदद से सूबे में 18 हजार से अधिक लोग टीबी को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं।
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्य में अब तक 9,630 लोगों ने निःक्षय मित्र के तौर पर अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को साल 2024 तक टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है, जिसमें निःक्षय मित्र चिन्हित टीबी रोगियों को गोद लेकर टीबी मुक्त अभियान में अपनी अहम भूमिक निभा रहे हैं, जिसमें हरिद्वार जनपद में सर्वाधिक 2148 निःक्षय मित्र पंजीकृत हैं।
उन्होंने बताया कि ऊधमसिंह नगर में 2173, नैनीताल 1288, देहरादून 1470, अल्मोड़ा 497, पौड़ी गढ़वाल 467, टिहरी 387, पिथौरागढ़ 245, रूद्रप्रयाग 221, चमोली 205, उत्तरकाशी 197, चम्पावत 179 तथा बागेश्वर में 153 निःक्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है।
डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में अब तक 15070 टीबी मरीजों का चिन्हिकरण किया जा चुका है, जिसमें से 10521 मरीजों ने नि-क्षय मित्रों से सामुदायिक सहयोग के लिए अपनी हामी भरी है। जबकि प्रदेश में 9814 रोगी निःक्षय मित्रों के सहयोग से लाभान्वित हो रहे हैं, जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 313, बागेश्वर 99, चमोली 146, चम्पावत 148, देहरादून 1508, पौडी गढ़वाल 223, हरिद्वार 3375, नैनीताल 984, पिथौरागढ़ 245, रूद्रप्रयाग 161, टिहरी गढ़वाल 264, ऊधम सिंह नगर 2109 तथा उत्तरकाशी में 239 शामिल हैं।
डॉ.रावत ने बताया कि टीबी उन्मूलन की ओर सकारात्मक अग्रसर होने के दृष्टिगत भारत सरकार ने राज्य के सात जनपदों का चयन सर्टिफिकेशन प्रक्रिया के लिए किया। इनमें से देहरादून जनपद को स्वर्ण, जबकि चम्पावत, पौड़ी व टिहरी गढ़वाल को कास्य पदक दिए गए, जो टीबी उन्मूलन की दिशा में प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित क्षय रोग उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेशभर में टीबी रोगियों का लगातार चिन्हीकरण किया जा रहा है। विभाग द्वारा रोगियों को दिए जा रहे बेहतर उपचार व सामुदायिक सहयोग का नतीजा है कि राज्य में 18 हजार 785 लोगों ने टीबी को मात दे दी है, जोकि विभाग के लिये बड़ी उपलब्धि है। टीबी रोग से अब तक अल्मोड़ा जनपद में 723, बागेश्वर में 246, चमोली 875, चम्पावत 489, देहरादून 2424, पौड़ी गढ़वाल 417, हरिद्वार 5613, नैनीताल 2543, पिथौरागढ़ 609, रूद्रप्रयाग 507, टिहरी 729, ऊधमसिंहनगर 3133 तथा उत्तरकाशी में 477 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
