Facebook में हजारों कर्मचारियों को मिली खराब रेटिंग

नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी Meta में एक बार फिर से छंटनी की सुगबुगाहट नजर आ रही है. 11,000 कर्मचारियों को गुलाबी पर्ची थमाकर नौकरी से निकालने के बाद अब हजारों कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटकी है. टेक फर्म को हजारों कर्मचारियों की खराब परफार्मेंस का रीव्यू मिला है, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि दिग्गज टेक कंपनी एक बार फिर से छंटनी का फैसला कर सकती है.
मेटा में हाल ही में परफार्मेंस रीव्यू का दौर चला है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक परफार्मेंस रीव्यू के आधार पर लगभग 7,000 कर्मचारियों को मेटा के द्वारा ‘सबपार’ की रैंक मिली है. इसमें आगे कहा गया कि मेटा ने बोनस मैट्रिक को भी हटा दिया है. कम रेटिंग मिलने का मतलब है कि ज्यादा कर्मचारियों की मेटा से छुट्टी होगी. ऐसे में एक बार फिर से छंटनी की संभावना देखी जा रही है.
मेटा के प्रवक्ता का कहना है कि कंपनी के पास हमेशा से हाई-परफार्मेंस का एक गोल-बेस्ड स्ट्रक्चर रहा है, और कंपनी की रीव्यू प्रोसेस का उद्देश्य कर्मचारियों को कार्रवाई के लायक फीडबैक प्राप्त करने में मदद मदद करते हुए लॉन्ग-टर्म सोच और हाई-क्वालिटी वाले काम को बढ़ावा देना है. कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने 2023 को ईयर ऑफ एफिशिएंसी के तौर मनाने का ऐलान किया है.
अगर जरूरत के मुताबिक डिपार्टमेंट नहीं हटाए गए तो कंपनी छंटनी के अगले दौर के बारे में सोच सकती है. जुकरबर्ग ने पिछले साल इन्वेस्टर्स से कहा कि हम तेजी से फैसले लेने के लिए ऑर्गनाइजेशन स्ट्रक्चर तो सीधा करने और मिडिल मैनेजमेंट की लेयर को हटाने पर कम रहे हैं. इंजीनियर्स को ज्यादा प्रोडक्टिविटी बनान के लिए कंपनी AI टूल्स का भी इस्तेमाल कर सकती है.
इससे पहले नवंबर 2022 में मेटा ने 13 फीसदी वर्कफोर्स को बाहर का रास्ता दिखाया था. इसमें करीब 11,000 लोगों को अपनी नैकरी से हाथ थोना पड़ा था. इस फैसले की पूरी जिम्मेदारी कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने ली थी. इसके अलावा उन्होंने छंटनी के लिए माफी भी मांगी थी. फेसबुक के इतिहास में यह पहला मौका था, जब कंपनी छंटनी की.
