जयपुर में 33 विरोध प्रदर्शन, 100 शिक्षक सम्मेलनों में प्रस्ताव


राजस्थान |� पिछले पांच सालों से तृतीय श्रेणी शिक्षक लगातार सरकार और विभाग से तबादले की माग करते रहे। पिछले 5 सालों में 33 बार विभिन्न शिक्षक संगठनों के बैनर तले ये शिक्षक जयपुर शिक्षा संकुल पर धरना प्रदर्शन कर चुके है।
100 से अधिक बार सालाना शिक्षक अधिवेशन में तबादले को लेकर प्रस्ताव पास कर विभाग को भेजा गया। एक साल पहले तो तबादलों को लेकर विकल्प तक मांगे थे। लेकिन ट्रांसफर का इंतजार करते करते पांच साल बीत गए।
प्रदेश में करीब साढ़े तीन लाख शिक्षक हैं, जो एक ही जगह पर 10 से अधिक सालों से कार्यरत हैं। बता दे कि 8 साल पहले तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने एक ही बार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले किए थे। इसके बाद अब तक तबादला नहीं हुए। कांग्रेस सरकार ने पॉलिसी बनाने के लिए एक कमेटी का गठन जरूर किया था।
इसके लिए 2020 में शिक्षा विभाग के निदेशक रहे औंकार सिंह को कमेटी अध्यक्ष बनाया था। औंकार सिंह ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी बनाकर 2021 में ही सरकार को सुपुर्द कर दी थी। लेकिन इस के बाद न तो पॉलिसी आगे बढ़ी और न ही इस पर कोई निर्णय हुआ। उदयपुर में 10 हजार से अधिक शिक्षक विभिन्न जिलों के है, जो अपने गृह जिले में जाना चाहते है।
राजस्थान |� पिछले पांच सालों से तृतीय श्रेणी शिक्षक लगातार सरकार और विभाग से तबादले की माग करते रहे। पिछले 5 सालों में 33 बार विभिन्न शिक्षक संगठनों के बैनर तले ये शिक्षक जयपुर शिक्षा संकुल पर धरना प्रदर्शन कर चुके है।
100 से अधिक बार सालाना शिक्षक अधिवेशन में तबादले को लेकर प्रस्ताव पास कर विभाग को भेजा गया। एक साल पहले तो तबादलों को लेकर विकल्प तक मांगे थे। लेकिन ट्रांसफर का इंतजार करते करते पांच साल बीत गए।
प्रदेश में करीब साढ़े तीन लाख शिक्षक हैं, जो एक ही जगह पर 10 से अधिक सालों से कार्यरत हैं। बता दे कि 8 साल पहले तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने एक ही बार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले किए थे। इसके बाद अब तक तबादला नहीं हुए। कांग्रेस सरकार ने पॉलिसी बनाने के लिए एक कमेटी का गठन जरूर किया था।
इसके लिए 2020 में शिक्षा विभाग के निदेशक रहे औंकार सिंह को कमेटी अध्यक्ष बनाया था। औंकार सिंह ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी बनाकर 2021 में ही सरकार को सुपुर्द कर दी थी। लेकिन इस के बाद न तो पॉलिसी आगे बढ़ी और न ही इस पर कोई निर्णय हुआ। उदयपुर में 10 हजार से अधिक शिक्षक विभिन्न जिलों के है, जो अपने गृह जिले में जाना चाहते है।
