बांसघाट पहुंचेगा गंगा का स्वच्छ-निर्मल जल

गया: अस्थि विसर्जन, पूजा और नहाने के लिए गंगा के स्वच्छ और निर्मल जल को बांसघाट तक लाया जाएगा. गंगा नदी बांसघाट से करीब दो किमी दूर जा चुकी है. गंगाजल को फ्लोटिंग पंप से पाइप के जरिए बांस घाट पहुंचाया जाएगा.
घाट पर दो बड़े तालाब बनाए जाएंगे. एक तालाब अस्थि विसर्जन और दूसरा पूजा व नहाने के लिए होगा. ऐसा होने से बांसघाट की सूरत बदल जाएगी. बांसघाट पर नए कॉप्लेक्स का निर्माण कार्य दुर्गापूजा के बाद शुरू हो जाएगा. पटना स्मार्ट सिटी के इस परियोजना को नगर विकास एवं आवास विभाग की एजेंसी बुडकों की ओर से पूरी की जाएगी. बुडको ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है. एजेंसी का भी चयन लगभग पूरा कर लिया गया है. अगले एक सप्ताह में बाद कार्य आदेश भी जारी हो जाएगा. पांच एकड़ में नये परिसर का निर्माण होना है, जिसमें आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी. अगले वर्ष जून 24 तक पूरा करना है. हालांकि टेंडर में एजेंसी को माह में पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है. इस पूरे प्रोजेक्ट पर 85 करोड़ रुपये खर्च होगा.

दूसरी तरफ पुराना बांस घाट और नया बांस घाट को मिलाकर एक व्यापक रूप दिया जाएगा. नया बांस घाट कांप्लेक्स 24510 वर्ग मीटर में होगा.
कॉप्लेकस के अलावा नया बांस घाट 460 वर्ग मीटर में भी फैला होगा. मौजूदा बांस घाट 5050 वर्ग मीटर में है. अशोक राजपथ से सटे बांस घाट के पुनर्निमाण के बाद इस क्षेत्र की सूरत पूरी तरह से बदल जाएगी. विद्युत शवदाह गृह और लकड़ी आधारित शवदाह गृह की सुविधा होगा. अंतिम संस्कार के बाद अस्थि विसर्जन, पूजा और नहाने के लिए गंगा का पानी सीधे तालाब में पहुंचेगा.