
देहरादून: राज्य के सरकारी व निजी मेडिकल कालेजों से पासआउट डॉक्टरों को इंटर्नशिप पूर्ण करने के बाद उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में अनिवार्य रूप से स्थाई पंजीकरण कराना होगा.
जो चिकित्सक स्थाई पंजीकरण किए बिना अन्य राज्य में पंजीकरण कराते हैैं, उन चिकित्सकों पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा. उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल की वीं सामान्य निकाय की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डा. सुधीर पांडे ने सभी मेडिकल कालेजों को इस संबंध में पत्र भेज दिया है. उन्होंने बताया कि इंटर्नशिप से पहले प्रशिक्षु चिकित्सकों के लिए प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. इंटर्नशिप का एक साल पूरा होने के बाद स्थाई पंजीकरण कराना होता है. पर कई चिकित्सक इस व्यवस्था का

पार्षद ने धमकी पर केस दर्ज कराया: नगर निगम के निवर्तमान पार्षद ने एक व्यक्ति के खिलाफ फोन पर धमकी देने के आरोप में केस दर्ज कराया है. वार्ड 72 देहराखास के पार्षद आलोक कुमार ने पटेलनगर थाने में तहरीर दी. कहा कि को वार्ड की एक बस्ती में बीएलओ संदीप श्रीवास्तव वोटर लिस्ट अपडेट करने पहुंचे. आरोप है कि इस दौरान वह महेश डोबाल के कहे अनुसार वोटर लिस्ट तैयार कर रहे थे. पार्षद ने इस पर आपत्ति जताई. आरोप है कि महेश डोबाल ने उन्हें फोन कर जान से मारने की धमकी दी. इंस्पेक्टर संजय कुमार ने बताया कि तहरीर पर केस दर्ज कर लिया गया है.