बेटे की बेरोजगारी और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के अभाव से हताश होकर की आत्महत्या

पुणे: पुणे जिले के आलंदी में 65 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपने बेटे की बेरोजगारी और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के अभाव से हताश होकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि व्यंकट नरसिंह धोपारे ने शुक्रवार शाम नरहे अंबेगांव में अपने बेटे का घर छोड़ने के बाद आलंदी में इंद्रायणी नदी में छलांग लगा दी।
आलंदी थाने के अधिकारी ने कहा,”मृतक के घर से मिले एक आत्महत्या पत्र से पता चला कि उन्होंने बेटे की बेरोजगारी और मराठा आरक्षण नहीं होने की हताशा में यह कदम उठाया। वह लातूर से थे लेकिन पुणे में अपने बेटे के साथ रह रहे थे।”
बीते कुछ महीनों में आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में मराठा समुदाय के सदस्यों की आत्महत्या करने की रिपोर्ट आई हैं।